पीएम मोदी बोले, देश को एक मतदाता सूची की जरूरत, आधुनिक भारत में न बनें रोड़ा
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है और उच्च सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद हैं. प्रधानमंत्री ने चर्चा का जवाब देना शुरू कर दिया है.
नई दिल्ली:
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है और उच्च सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद हैं. प्रधानमंत्री ने चर्चा का जवाब देना शुरू कर दिया है. आइए जानें उन्होंने क्या कहा..
मॉब लिंचिग पर पीएम बोले पूरे झारखंड को बदनाम करना ठीक नहीं
मॉब लिंचिग पर पीएम बोले कि युवक की मौत पर उन्हें दुख है. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए लेकिन पूरे झारखंड को बदनाम करने की जरूरत नहीं है. दुनिया में सबसे ज्यादा नुकसान मेरा टेररिज्म और तेरा टेररिज्म ने किया है.
तीन बार पीएम ने कहा कि हम जानते हैं यहां हमारा बहुमत नहीं है
राज्य सभा में आज तीन बार पीएम ने कहा कि हम जानते हैं यहां हमारा बहुमत नहीं है. पिछले 5 साल हमने बहुत सहा है. जनता ने हमें काफी उम्मीदों से लोकसभा मेंं भेजा है और हम उनकी उम्मीदों को पूरा करेंगे.
एक देश, एक चुनाव की जरूरत, एक मतदाता सूची हो
एक देश, एक चुनाव पर चर्चा तो करो भाई. क्या ये समय की मांग नहीं है कि एक मतदाता सूची हो. जितने चुनाव उतने मतदात सूची. ऐसा क्यों. ऐसे सुधार की जरूरत है. चुनाव सुधारों का सबसे ज्यादा फायदा आप लोगों को हुआ है. उड़ीसा का उदाहरण देते हुए कहा कि मतदाता की समझ बढ़ी है. एक साथ चुनाव कराने पर क्षेत्रीय पार्टियों के अस्तीत्व का कोई खतरा नहीं.चुनाव सुधार की चर्चा खुले मन से होनी चाहिए लेकिन एक देश एक चुनाव के खिलाफ बोलना ठीक नहीं, कम से कम चर्चा तो करो. क्या आज समय की मांग नहीं है कि देश में एक मतदाता सूची एक हो, जितने चुनाव उतनी मतदाता सूची हैं. पंचायत में एक भी मतदाता छूटता नहीं है क्योंकि वहां एक-एक वोट अहम है. पहले देश में एक देश एक चुनाव होता था ये बाद में गड़बड़ हुआ है. ओडिशा का उदाहरण सामने है.
विजय को पचा नहीं पाती कांग्रेस: PM मोदी
EVM को हमने नहीं कांग्रेस ने दी थी मंजूरी
पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा कि EVM को हमने नहीं कांग्रेस ने दी थी मंजूरी. पीएम मोदी ने कहा कि 1977 में सबसे पहले ईवीएम की चर्चा शुरू हुई तब हम राजनीति में कहीं नजर नहीं आते थे और 1988 में इसी सदन में बैठे लोगों ने कानूनन इस व्यवस्था को मंजूरी दी, हम तब भी नहीं थे. ईवीएम भी कांग्रेस ने ही किया था और आज हार गए तो रो रहे हो. ईवीएम से अब तक 113 विधानसभाओं के चुनाव हुए हैं और यहां बैठे सभी दलों को उसी ईवीएम से सत्ता में आने का मौका मिला है. चार लोकसभा चुनाव में भी लोग उसी ईवीएम से लोग जीतकर आए हैं. ईवीएम सभी परीक्षण के बाद न्यायपालिका ने उसे ठीक पाया है. ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग भी चुनौती दे चुका है.
भारत की चुनाव प्रक्रिया दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने का अवसर होती है और इसे हमें खोना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कितनी व्यापकता थी चुनाव में, 10 लाख पोलिंग स्टेशन, 40 लाख ईवीएम, 8 हजार से ज्यादा उम्मीदवार, 650 राजनीतिक दल कितना बड़ा रूप था और दुनिया के लिए यह चकित करने वाली बात है और हमारे लिए गर्व की बात है. चुनाव में महिलाओं ने भी अपनी भागीदारी बढ़ाई है और पुरुषों के बराबर महिलाओं ने वोट किया और 78 महिला सांसद चुनकर आई हैं.
EVM कारण ही यह संभव हुआ
चुनाव के बाद अखबारों की हेडिंग अब बदल जाती है. पहले हेडिंग हिंसा पर होती थी और आज मतदान प्रतिशत बढ़ने की. यह सब EVM कारण ही संभव हुआ. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो लोग हार गए हैं वो लोग देश के मतदाताओं का अभिवादन नहीं कर पाते होंगे लेकिन मैं सिर झुकाकर उनका अभिनंदन करता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि यहां ईवीएम की काफी चर्चा हुई और उसे लेकर सवाल उठाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि हम भी कभी सदन में 2 रह गए थे और हमारा मजाक बनाया जाता था, लेकिन कार्यकर्ताओं पर हमारा भरोसा था और हमने पार्टी को फिर से खड़ा किया. हमने उस समय ईवीएम का रोना-धोना नहीं किया, न किसी तरह के सवाल उठाए, जब स्वंय पर भरोसा नहीं होता है तब बहाने खोजे जाते हैं, गलतियों को स्वीकार करने के लिए जो तैयार नहीं हैं तब ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ते हैं. अगर हिम्मत हैं तो राजनीतिक काडर के तैयार कीजिए, एक चुनाव हो गया आगे भी चुनाव होंगे.
कांग्रेस हारी तो देश हार गया ये कौन का तर्क है
पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि चुनाव में देश हार गया, लोकतंत्र हार गया तो क्या वायनाड और रायबरेली में हिन्दुस्तान हार गया, क्या अमेठी में हिन्दुस्तान हार गया. कांग्रेस हारी तो देश हार गया ये कौन का तर्क है, कांग्रेस का मतलब देश नहीं, अहंकार की एक सीमा होती है. उन्होंने कहा कि 60 साल तक देश में सरकार चलाने वाला दल 17 राज्यों में एक सीट नहीं जीत पाया क्या हम आसानी से कह देंगे कि देश हार गया. इस तरह के बयान से हमने देश के मतदाताओं को कटघरे में खड़ा कर दिया, वोटरों का ऐसा अपमान इस तरह की पीड़ा देता है.पीएम ने कहा कि कड़ी तपस्या के बाद देश में चुनाव होता है और हम उनका मजाक उड़ा रहे हैं. किसान का भी अपमान किया गया और उसे बिकाऊ तक बता दिया गया. किसान के लिए कह देना कि 2-2 हजार में उसने अपना वोट बेच दिया, यह सुनकर मैं हैरान हूं. स्वयं पर भरोसा नहीं होता है तो बहाने किए जाते हैं. अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते. आप EVM को दोष देते हैं. कैडर को तैयार किजिए फिर मुकाबला किजिए.
यह कहना लोकतंत्र और जनता अपमान है
PM मोदी ने कहा कि देश के कोने-कोन में जाकर जनता के दर्शन करने का मौका मुझे मिला है और भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. चुनाव की ग्लोबल वेल्यू होती है और उस समय अपनी सोच की मर्यादाओं के कारण, विचारों की विकृति के कारण यह कहना कि आप चुनाव जीत गए देश चुनाव हार गया, यह कहना लोकतंत्र और जनता अपमान है.
देश हार गया कहना लोकतंत्र का अपमान
करीब 50 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया और सभी ने अपने तरीके से अपनी बात बताई है. कहीं खट्टापन था तो कहीं आक्रोश भी था, हर प्रकार के भाव यहां प्रकट हुए, कुछ अच्छे सुझाव मिले. कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें मैदान में जाने का मौका नहीं मिला, उससे गुस्सा भी यहां देखा गया. कई दशकों बाद देश में फिर से एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी है और यह चुनाव कई मायनों में खास था. देश के मतदाताओं ने स्थिरता को बल दिया है. इस बार देश की जनता दलों से परे लड़ रही थी.
PM Modi: Did India lose in Wayanad? Did India lose in Rae Bareli? Did India lose in Trivandrum, what about Amethi? What kind of argument is this? If Congress loses then does that mean India lost? There is a limit to arrogance. Congress could not win a single seat in 17 states pic.twitter.com/XjCkebaLlx
— ANI (@ANI) June 26, 2019
प्रचंड जनादेश के बाद सदन में बोलने का मौका
PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पहली बार प्रचंड जनादेश के बाद सदन में बोलने का मौका मिला है. इस बार पहले से ज्यादा जनसमर्थन और विश्वास के साथ हमें दोबारा देश की सेवा करने का अवसर देशवासियों ने दिया है और इसके लिए सभी का आभार प्रकट करता हूं. पीएम मोदी ने कहा दूसरे कार्यकाल के प्रारंभ में ही हमारे सदन के सदस्य मदनलाल जी हमारे बीच नहीं रहे, उनके प्रति मेरी श्रद्धांजलि. अरुण जी स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं उनका भी सदन को इंतजार है. नेता के रूप में थावरचंद गहलोत का अभिनंदन करता हूं.
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