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दावोस: 20 साल बाद विश्व आर्थिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी रवाना

भारत सरकार पहले ही इस सम्मेलन में मंत्रियों, नीति निर्माताओं और व्यापारिक नेताओं को भेज चुकी है।

Updated on: 22 Jan 2018, 09:42 AM

highlights

  • दावोस सम्मेलन में हिस्सा लेने पीएम मोदी स्विटरलैंड हुए रवाना
  • 20 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री वैश्विक आर्थिक सम्मेलन में लेंगे हिस्सा

 

नई दिल्ली:

स्विटजरलैंड के दावोस में होने वाले वैश्विक आर्थिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी आज सुबह करीब 9 बजे रवाना हो गए हैं।

भारत सरकार पहले ही इस सम्मेलन में मंत्रियों, नीति निर्माताओं और व्यापारिक नेताओं को भेज चुकी है। 20 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। पीएम मोदी वहां पहुंचने के बाद मुख्य कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र को संबोधित भी करेंगे।

दावोस सम्मेलन में दुनियाभर के सबसे संपन्न और शक्तिशाली संभ्रात लोग वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीति पर चर्चा के लिए एकत्रित होंगे।

इस साल सम्मेलन का विषय है 'खंडित दुनिया में एक साझा भविष्य का निर्माण' जो उन व्यापक चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए एक समन्वित और एकीकृत काम की जरूरत पर बल देगा, जो आज दुनिया के सामने हैं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था के एकीकरण ने भारत को काफी हद तक खुद को एक उभरते हुए बाजार के रूप में स्थापित करने में मदद की है। बड़ी आर्थिक शक्तियां अब प्रमुख क्षेत्रों में भारत की मौजूदगी को पहचान रही हैं।

ऐसे में आज के समय में अस्थिर वैश्विक विकास को देखते हुए वैश्विक स्तर पर सम्मेलनों में हमारी भागीदारी के महत्व को समझना फायदेमंद साबित होगा।

20 सालों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेगा। इससे पहले 1997 में एच.डी. देवेगौड़ा इस सम्मेलन में शामिल हुए थे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालिया आर्थिक विकास की पृष्ठभूमि में और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी के मद्देनजर इस वैश्विक मंच पर 2022 तक एक नए और परिवर्तित भारत के अपने सपने को उठा सकते हैं। साथ ही वह आर्थिक असंतुलनों, आतंकवाद और साइबर खतरों से जुड़े मुद्दों को भी उठा सकते हैं।

वह राष्ट्रीय और विदेश नीतियों पर भारत के रुख को प्रमुखता से पेश कर सकते हैं और उन पर इसकी प्रबल जिम्मेदारी है कि यह संदेश पहुंचे।

उनके साथ सम्मेलन में शामिल हो रहे मंत्री, कारोबारी और नागरिक समाज के नेता भी कई सत्रों में पिछले साढ़े तीन वर्षो में हुए प्रयासों को विस्तार से पेश करेंगे।

यह आयोजन ऐसे समय में होने जा रहा है, जब आर्थिक विकास और सामाजिक उन्नति को लेकर भारतीयों में उम्मीदें हैं। डब्ल्यूईएफ जैसे मंचों पर शीर्ष वैश्विक नेताओं के साथ चर्चाएं काफी सीखने का मौका देंगी।

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