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पीएम मोदी के मंत्रिपरिषद की पहली बैठक आज, तीन तलाक और 100 दिनों के एक्‍शन प्‍लान पर चर्चा संभव

इसी के साथ बैठक में जूनियर मंत्रियों की भूमिका के बारे में भी चर्चा होगी और सीनियर मंत्रियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

Updated on: 12 Jun 2019, 12:49 PM

highlights

  • पीएम मोदी के मंत्रिपरषद की पहली बैठक आज
  • तीन तलाक और 100 दिनों के एक्शन प्लान पर चर्चा संभव
  • जूनियर मंत्रियों की भूमिका पर भी होगी चर्चा

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद आज यानी बुधवार को मंत्रिपरिषद की पहली बैठक होगी. इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. जानकारी के मुताबिक इस बैठक पीएम मोदी अपने मंत्रियों से मेनिफेस्टों में किए गए वादों को पूरा करने के लिए कहेंगे. इसी के साथ बैठक में जूनियर मंत्रियों की भूमिका के बारे में भी चर्चा होगी और सीनियर मंत्रियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

वैसे बताया ये भी जा रहा है कि इस बैठक में तीन तलाक पर भी चर्चा हो सकती है. दरअसल तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हो गया था लेकिन राज्यसभा में अभी भी पास नहीं हो पाया है. उधर 16वीं लोकसभा के भंग होने के साथ ही ये बिल खत्म हो गया है. ऐसे में इस बैठक में चर्चा हो सकती है कि 17वीं लोकसभा में तील तलाक बिल का क्या होगा. इसके अलावा इस बैठक में 100 दिनों के एक्शन प्लान पर भी चर्चा हो सकती है. बता दें मंत्रियों की बैठक बुधवार शाम 5 बजे होगी. उससे पहले 4 बजे मोदी कैबिनेट की बैठक भी होनी है.

वैसे मोदी सरकार 2.0 इस बार भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त रुख अपनाए हुई है. इस के तहत वित्त मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसमें 12 सीनियर अधिकारियों को जबरन वसूली, रिश्वत और यौन उत्पीड़न के आरोप में अनिवार्य रूप से रिटायरमेंट दे दिया गया है. जिन 12 अधिकारियों पर ये गाज गिरी है उनमें आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त, प्रधान आयुक्त और आयुक्त रैंक के अधिकारी शामिल हैं. यह भ्रष्टाचार में लिप्त नौकरशाहों और अधिकारियों के खिलाफ नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा की गई एक बड़ी कार्रवाई है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे अधिकारियों की सूची बनाई है जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और वो अपने काम के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें केंद्र सरकार नियम 56 के तहत सेवानिवृत्त किया जा रहा है. इससे पहले भी कई वरिष्ठ अधिकारियों को ऑर्टिकिल 56 के तहत सेवानिवृत्त किया गया है. मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही ऐसे अधिकारियों के काम के आधार का मूल्यांकन कर चुकी थी.