पीएम नरेन्द्र मोदी के लिए नहीं रोका गया ट्रैफिक, लाल बत्ती पर भी रुका काफिला
पीएम के रूट के दौरान नहीं रुका ट्रैफिक, लाल बत्ती पर रुके नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर जब कहीं जाते हैं तो उस रूट की ट्रैफिक को रोक दिया जाता है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. लाल बत्ती देखते ही पीएम मोदी का काफिला रुक गया. जैसे ही हरी बत्ती हुई पीएम का काफिला आगे बढ़ा. दरअसल बता दें कि पीएम मोदी एक कार्यक्रम को संबोधित करके वापस जा रहे थे तभी ये अजीबो गरीब वाक्या देखने को मिला. दरअसल पीएम मोदी एक स्कूल में बाबा साहब अंबेडकर हाइहर सेकेंड्री स्कूल पहाड़गंज में स्वच्छता श्रमदान के लिए जा रहे थे.
जैसे ही पीएम का काफिला लाल बत्ती पर रुकी वहां मौजूद आसपास के लोग भौच्चक रह गए. पहले तो लोगों को समझ में ही नहीं आया लेकिन फिर लाल बत्ती देखकर लोगों को समझ में आ गया.
दरअसल पीएम और कई अन्य वीआईपी लोगों की सुरक्षा को देखते हुए उस रूट की ट्रैफिक को रोक दिया जाता है जिस रूट से उन्हें गुजरना होता है. लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं देखने को मिला.
प्रधानमंत्री ने 'स्वच्छता ही सेवा' पहल की शुरूआत करने और नरेन्द्र मोदी एप एवं वीडियो लिंक के माध्यम से स्वच्छाग्रहियों से संवाद करते हुए कहा, 'कोई ये सोच सकता था कि भारत में चार वर्ष में करीब नौ करोड़ शौचालयों का निर्माण हो जाएगा? क्या किसी ने ये कल्पना की थी कि चार वर्ष में लगभग 4.5 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे?'
उन्होंने कहा कि क्या किसी ने कल्पना की थी कि चार वर्ष में 450 से ज्यादा जिले खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे? क्या किसी ने कल्पना की थी कि चार वर्ष में 20 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे?
उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्ष में स्वच्छता के क्षेत्र में उतनी प्रगति हुई है जितनी 60...65 वर्ष में भी नहीं हुई थी.
इससे पहले पीएम मोदी बिमार अटल बिहारी वाजपेयी को देखने के लिए नॉर्मल ट्रैफिक में ही एम्स पहुंच गए थे. प्रधानमंत्री के इस कदम से सभी अधिकारी हैरान रह गए थे.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर यानी शनिवार को 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि चार वर्ष पहले शुरु हुआ स्वच्छता आंदोलन अब एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर आ पहुंचा है. हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि राष्ट्र का हर तबका, हर संप्रदाय, हर उम्र के मेरे साथी, इस महाअभियान से जुड़े हैं. गांव-गली-नुक्कड़-शहर, कोई भी इस अभियान से अछूता नहीं है. इस मिशन को सफल बनाने के लिए पीएम मोदी ने करीब 2 हजार नागरिकों को खुद से पत्र लिखा था.
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2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से पहले पीएम ने ये खास मुहिम शुरू की है. उन्होंने देशवासियों से इस मुहिम में जुड़ने की अपील की है जिससे कि देश को स्वच्छ बनाया जा सके.
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