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पीएम मोदी ने कहा, अगले 2-3 साल में 400 जिलों में होगा सिटी गैस नेटवर्क

देश के करीब 400 जिलों को शहर में गैस-वितरण (सीजीडी) के तहत अगले 2-3 सालों में लाया जाएगा, जिससे देश गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ेगा.

Updated on: 22 Nov 2018, 11:51 PM

नई दिल्ली:

देश के करीब 400 जिलों को शहर में गैस-वितरण (सीजीडी) के तहत अगले 2-3 सालों में लाया जाएगा, जिससे देश गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ेगा. देश के 129 जिलों में सीजीडी परियोजनाओं के नौवें दौर का कार्य शुरू करने के लिए आधारशिला रखने के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जब देश में हजारों नए सीएनजी स्टेशन होंगे, उद्योगों को बिना रुकावट गैस मिलेगी, टैक्सियों, ऑटो, कारों में भरने के लिए देश के ज्यादातर जिलों में सीएनजी आसानी से उपलब्ध होगी, तो प्रदूषण भी उतना ही कम होगा. ये सीओपी21 के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी और मजबूत करेगा.

मोदी ने 50 जियोग्राफिकल क्षेत्रों (जीए) में सीजीडी बोली के दसवें दौर को लांच किया, जिसके तहत 14 राज्यों के 124 जिले आएंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में 12 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए हैं, जिसमें 6 करोड़ मुफ्त कनेक्शन उज्जवला योजना के तहत गरीब महिलाओं को दिए गए हैं, जिससे 90 फीसदी इलाकों में घरेलू गैस मुहैया कराया गया है.

पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, 'बोली प्रक्रिया के नौंवे दौर में विभिन्न निकायों द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धताओं के अनुसार देश भर में अगले आठ वर्षों में लगभग 2 करोड़ पीएनजी (घरेलू) कनेक्शन और 4600 सीएनजी केंद्र (स्टेशन) स्थापित किए जाने की आशा है. इससे सीजीडी नेटवर्क का विस्तार भारत के 35 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाली लगभग 50 प्रतिशत आबादी तक हो गया है.'

इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का इरादा एथनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के लक्ष्य स्तर को और बढ़ाने का है, ताकि पेट्रोलियम उत्पादों के आयात में कमी के साथ ही स्वच्छ ईंधन मुहैया कराया जा सके.

सरकारी तेल विपणन कंपनियां (ओएमसीज) फिलहाल ईबीपी कार्यक्रम लागू कर रही है, जिनका सालाना लक्ष्य 5 फीसदी एथनॉल मिलाना है, जबकि भारत ने साल 2022 तक पेट्रोल में 10 फीसदी एथनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है.

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उन्होंने कहा, 'सरकार का इरादा पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने के कार्यक्रम का लक्ष्य बढ़ाने का है, जिसका उत्पादन इस साल रिकार्ड 140 करोड़ लीटर को पार कर गया है.'

पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, ईबीपी कार्यक्रम का लक्ष्य साल 2030 तक एथनॉल मिश्रण को बढ़ाकर 20 फीसदी करना है. भारत फिलहाल अपनी जरूरतों का 80 फीसदी से अधिक आयात करता है.

अगली एथनॉल आपूर्ति साल जो दिसंबर से शुरू होगी. इसमें ओएमसीज ने 329 करोड़ लीटर एथनॉल की जरूरत का संकेत दिया है, जोकि इस साल की तुलना में दोगुना है, जिससे 10 फीसदी एथनॉल मिलाया जा सकेगा.

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सरकार ने आनेवाले साल में ओएमसी द्वारा एथनॉल की खरीद की कीमत में 3 रुपये की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, जिससे इसका मूल्य वर्तमान के 47.13 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 52.43 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा.

इस कार्यक्रम में मोदी ने यह भी कहा कि सरकार ने अगले पांच सालों में कंप्रैस्ड बॉयोगैस संयंत्रों की स्थापना के लिए 5,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है.