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पीएम मोदी ने कहा, किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए हूं प्रतिबद्ध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

Updated on: 17 Mar 2018, 09:12 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी तय अवधि में दोगुनी करना हमारा लक्ष्य है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार कई कृषि मॉडल पर कार्य कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को सभी अनुसूचित फसलों के लिए लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने के लिए केंद्र राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि लागत में श्रम, मशीनरी का किराया, बीजों एवं उर्वरकों की कीमतें, राज्य सरकार को दिया जा रहा राजस्व, कार्यशील पूंजी और पट्टे पर दी गई भूमि का किराया भी शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री यहां कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के पूसा परिसर स्थित मेला ग्राउंड में आयोजित कृषि 'उन्नति मेला' में पहुंचे थे। यहां उन्होंने 25 कृषि विज्ञान केंद्रों का शिलान्यास किया। मोदी ने मेले में थीम पैवेलियन और जैविक मेला कुंभ का मुआयना भी किया। इस मौके पर उन्होंने जैविक उत्पादों के लिए एक 'ई-मार्केटिंग' पोर्टल भी लांच किया। प्रधानमंत्री ने कृषि कर्मण पुरस्कार एवं पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'उन्नति मेला नए भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है। किसान और वैज्ञानिक नए भारत के प्रहरी हैं। दोनों को साथ मिलकर काम करना होगा।'

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से, मेघालय का उल्लेख किया जिसने समीक्षाधीन अवधि के दौरान कृषि में अपनी उपलब्धियों के लिए पुरस्कार प्राप्त किया।

उन्होंने कहा, 'आज देश में खाद्यान्नों, दलहनों, फलों एवं सब्जियों और दूध का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है, लेकिन कृषि क्षेत्र में कई बड़ी चुनौतियां हैं, जो किसानों की आय घटाती हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार दूरदर्शी और व्यापक दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है। हमारा लक्ष्य किसानों की आय को दोगुनी करना और किसानों के जीवन को सरल बनाना रहा है।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक 11 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। यूरिया के 100 प्रतिशत नीम लेपन का परिणाम भी उत्पादकता को बढ़ाने के अतिरिक्त, उर्वरक पर व्यय को कम करने के रूप में भी सामने आया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रीमियम कम किया गया है। बीमा पर अधिकतम निर्धारित सीमा खत्म कर दी गई है।

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में प्रत्येक खेत के लिए जल की परिकल्पना की गई है। सिंचाई क्षेत्र की लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 80,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान संपदा योजना खेत से बाजार तक आपूर्ति श्रंखला को सुदृढ़ बनाने और आधुनिक कृषि अवसंरचना के सृजन में सहायता कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल के बजट में घोषित ऑपरेशन ग्रीन्स किसानों के लिए फलों एवं सब्जियों, खासकर, टमाटर, प्याज और आलू उगाने में लाभदायक होगा।

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उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण से संबंधित कई मॉडल कानून बनाये गए हैं और राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे उन्हें कार्यान्वित करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने पर काम कर रही है कि किसानों को आधुनिक बीज, पर्याप्त बिजली आपूर्ति एवं सरल बाजार सुविधा हासिल हो सके।

उन्होंने कहा कि हाल के आम बजट में ग्रामीण रिटेल कृषि बाजारों की परिकल्पना की गई है। 22,000 ग्रामीण हाटों को आवश्यक अवसंरचना के साथ समुन्नत किया जाएगा एवं एपीएमसी तथा 'ई-नाम' प्लेटफॉर्म के साथ समेकित किया जाएगा।

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