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यूपीए सरकार की अयोग्यता की वजह रक्षा क्षेत्र में कमजोर हुआ भारत: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपनी पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर रक्षा नीतियों को लेकर जमकर हमला बोला।

Updated on: 12 Apr 2018, 11:18 PM

थिरुविदंथई:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपनी पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर रक्षा नीतियों को लेकर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा, देश की महत्वपूर्ण सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में हमारे 'साहसिक कदम' कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की आलस, अक्षमता या शायद कुछ छिपे इरादों के विपरीत हैं जिसने भारत के रक्षा क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया।

चेन्नई के पास ईस्ट कोस्ट रोड पर डिफेंस एक्सपो 2018 का उद्घाटन करते हुए उन्होंने पूर्व की यूपीए सरकार पर रुकी रक्षा परियोजनाओं को लेकर निशाना साधा और सैनिकों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट की खरीद प्रक्रिया को अंतिम रूप देने और भारतीय वायु सेना के लिए 110 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए नई प्रक्रिया स्थापित करने के लिए अपनी सरकार की सराहना की।

उन्होंने कहा, 'एक समय था जब रक्षा क्षेत्र के महत्वपूर्ण मुद्दे नीतिगत दुर्बलता से बाधित होते थे। हमने देखा है कि आलस्य, अक्षमता या शायद कुछ छिपे हुए इरादे देश के लिए नुकसान के कारण हो सकते हैं।'

मोदी ने रक्षा व्यापार मेले में अपने 30 मिनट के भाषण में कहा, 'अब नहीं, और नहीं, कभी नहीं।'

डिफेंस एक्सपो में भारत को दुनिया में प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्रों में से एक के रूप में प्रदर्शित किया गया है।

मोदी ने भारतीय वायुसेना के लंबे समय से प्रतीक्षित अनुरोध (आरएफआई) के तहत पिछले सप्ताह 110 एक इंजन और दोहरे इंजन लड़ाकू विमानों की खरीद की मंजूरी का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा, 'आप लड़ाकू विमानों की खरीद की लंबी अवधि वाली प्रक्रिया को याद कर सकते हैं जो कभी भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची (पिछले सरकार के दौरान)। हमने अपनी तत्काल महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केवल साहसिक कदम नहीं उठाया बल्कि 110 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एक नई प्रक्रिया भी शुरू की है।'

मोदी ने युवा अन्वेषकों को रक्षा एजेंसियों से जोड़ने के लिए एक नई योजना 'इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सेलेंस' (आईडीएक्स) की भी शुरुआत की जो भारत के आधुनिक सैन्य उत्पादन क्षेत्र को बढ़ावा देने और आधुनिकीकरण करने के लिए सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

उन्होंने बताया कि मई 2014 में 57.7 डॉलर के कुल मूल्य के रक्षा उपकरणों के निर्यात अनुमति की कुल संख्या 118 थी।

उन्होंने कहा, 'वहीं, चार साल से कम समय में हमने 1.3 अरब से अधिक मूल्य के 794 अधिक निर्यात की अनुमति जारी की।'

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उन्होंने कहा कि सरकार दो रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है, एक तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में, जो इन क्षेत्रों में रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकीय् तंत्र का उपयोग करेगा और इसे आगे बढ़ाएगा।

उन्होंने कहा, 'यह गलियारे आर्थिक विकास और रक्षा औद्योगिक आधार के विकास के इंजन बनेंगे।'

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