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'मन की बात' कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी, आतंकवाद को पराजित करने के लिए सभी देश हों एकजुट

आतंकवाद के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा कि इसके कारण हजारों निर्दोश लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

Updated on: 26 Nov 2017, 12:21 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 38वें 'मन की बात' कार्यक्रम में 26/11 की बरसी को याद करते हुए सभी देशों से आतंकवाद के ख़िलाफ़ एकजुट होने की अपील की।

उन्होंने सभी देशों से अपील करते हुए कहा, 'विश्व की सभी मानवतावादी शक्तियों को एकजुट होकर आतंकवाद को पराजित करना होगा। आतंकवाद ने विश्व की मानवता को ललकारा है। आतंकवाद ने मानवतावाद को चुनौती दी है।'

पीएम ने कहा, 'हम, भारत में तो गत 40 वर्ष से आतंकवाद के कारण बहुत कुछ झेल रहे हैं। हज़ारों हमारे निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई है। आतंकवाद आज विश्व के हर भू-भाग में और एक प्रकार से प्रतिदिन होने वाली घटना का, एक अति-भयंकर रूप बन गई है।'

पीएम ने कहा कि कुछ साल पहले भारत जब आतंकवाद के बारे में बात करता था तो दुनिया के देश इस पर गंभीर नहीं होते थे लेकिन अब आतंकवाद उनके दरवाजे पर दस्तक दे रहा है वो भी समझने लगे।

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पीएम मोदी ने 9 साल पहले हुए मुबई हमले को याद करते हुए कहा कि इस दिन को हमारा देश कभी नहीं भूल सकता।

मोदी ने कहा कि देश उन बहादुर नागरिकों, पुलिसकर्मियों, सुरक्षाकर्मी, को स्मरण करता है, उनको नमन करता है जिन्होंने इस हमले में अपनी जान गंवाई।

देश कभी उनके बलिदान को नहीं भूल सकता।

पीएम मोदी ने अपने कार्यकम की शुरुआत बाल दिवस के मौके पर कर्नाटक में बच्चों से हुई बातचीत से की।

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इसके बाद पीएम मोदी ने संविधान दिवस को याद करते हुए कहा कि हमारा संविधान बहुत व्यापक है, हमारे संविधान में सबको समानता का अधिकार है। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम अपने संविधान की रक्षा करें।

पीएम मोदी ने संविधान दिवस के मौक पर डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके योदगान को भी याद किया।

नरेंद्र मोदी ने 4 दिसम्बर को होने वाले नौ-सेना दिवस का ज़िक्र करते हुए देश की नौसेना की उपलब्धियों का बखान किया। इसके अलावा उन्होंने लोगों से एक से सात दिसंबर तक सैनिकों के कल्याण के लिए धनराशि जुटाने का भी आह्वान किया।

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पीएम मोदी ने 5 दिसंबर को मानाया जाने वाला वर्ल्ड स्वॉयल डे के मद्देनजर किसानों से यूरिया जैसे उर्वरकों के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने की भी अपील की है। उन्होंने कहा, 'दुनिया में सबकुछ मिट्टी पर ही तो निर्भर है। मिट्टी के महत्व को लेकर सभी को जागरुक रहना होगा।'

आगे उन्होंने कहा, 'किसान तो धरती का पुत्र है, किसान धरती-मां को बीमार कैसे देख सकता है? समय की मांग है, इस मां-बेटे के संबंधों को फिर से एक बार जागृत करने की। हम धरती-माता की भक्ति करते हैं पर धरती-माता को यूरिया जैसे उर्वरक से धरती-मां के स्वास्थ्य को कितनी हानि होती है, कभी सोचा है।'

पीएम मोदी ने किसानों की तारीफ करते हुए कहा, 'देश-भर में हमारे किसानों ने 10 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड (soil health card) बनवा लिए हैं ताकि वे अपनी मिट्टी को बेहतर ढंग से समझ सकें और उस अनुरुप, फसल भी बो सकें।'

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उन्होंने कहा, 'मुझे यह देख कर काफी ख़ुशी है कि मेरे किसान भाई मृदा–स्वास्थ्य कार्ड में दी गई सलाह पर अमल करने के लिए आगे आए हैं और जैसे-जैसे परिणाम मिल रहे हैं, उनका उत्साह भी बढ़ता जा रहा है।'

इसके साथ ही पीएम ने ग्लोबल वार्मिंग जैसे गंभी मुद्दे पर भी लोगों के बीच अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, 'ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज अब हम सब लोग अनुभव करने लगे हैं। वो भी एक वक़्त था कि दीवाली के पहले सर्दी आ जाती थी। अब दिसम्बर दस्तक दे रहा है और सर्दी बहुत धीरे-धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही है।'

इसके साथ ही पीए मोदी ने आख़िर में एक बार फिर से स्वच्छता अभियान और खुले में शौच मुक्त जैसे भारत की कल्पना पर भी बात रखी।

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