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GST 2017: पीएम मोदी ने गीता के श्लोक से नेहरू-पटेल तक सबका जिक्र किया

जीएसटी को लेकर आयोजित संसद में विशेष सत्र को संबोधितकरते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने चाणक्य से लेकर 'लौह पुरुष' सरदार पटेल तक का जिक्र किया।

Updated on: 01 Jul 2017, 04:41 AM

नई दिल्ली:

जीएसटी को लेकर आयोजित संसद में विशेष सत्र को संबोधितकरते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने चाणक्य से लेकर 'लौह पुरुष' सरदार पटेल तक का जिक्र किया। अपने संबोधन में उन्होंने गीता के कई श्लोक भी सुनाए।

चाणक्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'चाणक्य ने कहा था, 'कोई वस्तु कितनी भी दूर क्यों न हो, उसका मिलना कठिन न क्यों न हो, कठिन तपस्या और परिश्रम से उसे भी पाया जा सकता है।'

सरदार पटेल का जिक्र 

सरदार पटेल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'हम कल्पना करें देश आजाद हुआ, 500 रियासतें थीं। अगर सरदार पटेल ने सबको मिलाकर एक न किया होता तो देश का मानचित्र कैसा होता? जिस प्रकार से पटेल ने एकीकरण का काम किया था उसी तरह आज जीएसटी के द्वारा आर्थिक एकीकरण का महत्वपूर्ण काम हो रहा है।'

3 उन्होंने कहा, 'आज रात को 12 बजे हम सेंट्रल हॉल में एकत्रित हुए हैं। यह वह स्‍थान है जिसे देश के महान राजनेताओं ने सुशोभित किया है। हम उस स्‍थान पर बैठे हैं जहां संविधान सभा की पहली बैठक हुई। पंडित नेहरू, मौलाना आजाद, सरदार पटेल, बाबा साहब अंबेडकर, सरोजनी नायडू जैसे नेता यहां मौजूद रहे। इसी तरह 14 अगस्‍त 1947 की ऐतिहासिक रात का यह हाल हिस्‍सा रहा है। मुझे नहीं लगता कि जीएसटी के लिए इस स्‍थान से बढ़कर कोई और महत्‍वपूर्ण स्‍थान हो सकता है।'

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भगवद गीता का जिक्र 

प्रधानमंत्री मेदी ने भगवद गीता का जिक्र करते हुए कहा, 'गीता में 18 अध्याय थे और जीएसटी काउंसिल की भी 18 बैठक है। उन्होंने ऋग्वेद का एक मंत्र का उच्चारण किया

समानीव आकूति: समाना हृदयानि व:
समानमस्तु वो मनो यथा व: सुसहासति.

प्रधानमंत्री ने इसका मतलब बताते हुए कहा, ' इसका अर्थ है हम लोगों का निश्चय, संकल्प एक सा रहे, हम लोगों का हृदय एक सा रहे, ताकि हर कार्य सफल हो सके।

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