PM मोदी और जेटली की बैठक के बाद रुपए की गिरावट पर लगेगा ब्रेक, ये होगा नया फॉर्म्युला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था पर आज यानी शुक्रवार को महंगे होते पेट्रोल-डीजल और गिरते रुपए को लेकर समीक्षा बैठक की. इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर, डिप्टी गवर्नर समेत पीएमओ के अधिकारी मौजूद थे.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को महंगे होते पेट्रोल-डीजल और गिरते रुपए को लेकर समीक्षा बैठक की. इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल, डिप्टी गवर्नर समेत पीएमओ के अधिकारी मौजूद थे. बैठक में विदेशों से कर्ज लेने के नियमों में ढील देने और गैर-जरूरी आयातों पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया गया है.
बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर काफी ज्यादा है और दूसरे देशों की तुलना में भारत में महंगाई काबू में है.
Our growth rate as compared to other countries of the world is quite high. Inflation in our country stays in a range & that range is moderate: FM Arun Jaitley in Delhi pic.twitter.com/BplEpa4b5y
— ANI (@ANI) September 14, 2018
उन्होंने बताया कि बैठक में आरबीआई गवर्नर ने विस्तृत रूप से समझाया कि विश्व की अर्थव्यवस्था और बाहरी कारक किस तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं.
PM held a meeting today in which RBI's governor & deputy governor, officials of finance ministry & PMO officials were present. In the meeting RBI Guv gave a detailed presentation about the condition of world's economy & external factors which can affect Indian economy: A.Jaitely pic.twitter.com/67BJnFTDpK
— ANI (@ANI) September 14, 2018
अरुण जेटली ने आगे बताया, 'सीएडी (चालू खाता घाटा) का विस्तार करने के मुद्दे को हल करने के लिए सरकार गैर-आवश्यक आयात को कम करने और निर्यात में बढ़ोतरी करने की दिशा में जरूरी कदम उठाएगी.'
To address the issue of expanding CAD (Current Account Deficit) the govt will take necessary steps to cut down non-essential imports and also increase exports: FM Arun Jaitley in Delhi pic.twitter.com/ZlfU1JZQLR
— ANI (@ANI) September 14, 2018
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि अमेरिका में कुछ नीतिगत फैसले लिए गए हैं, जिसके चलते डॉलर मजबूत हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ी हैं. इन सबका प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ा है.
वहीं, वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहका संजीव सान्याल ने कहा, 'साल के शुरुआत के बाद रुपए में गिरावट आई है. लेकिन यदि आप पांच साल की तुलना में देखें तो डॉलर को छोड़कर रुपया अधिकतर विदेशी मुद्राओं के मुकाबले स्थिर रहा है.'
Rupee has depreciated very significantly since beginning of the year. But if you take a 5 year perspective you'll see the Rupee has by & large been stable against most currencies with 1 exception of the dollar: Sanjeev Sanyal, Principal Economic Adviser in the Ministry of Finance pic.twitter.com/oHBQuqmLLj
— ANI (@ANI) September 14, 2018
बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर लोन की शर्तों पर दोबारा विचार करने का भी फैसला लिया गया। वहीं 2018-19 मसाला बॉन्ड पर टैक्स की छूट का भी फैसला लिया गया।
गौरतलब है कि रुपए में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 सितंबर को रिकॉर्ड 72.91 तक नीचे गिर गया था. शुक्रवार को यह 71.84 पर बंद हुआ.
और पढ़ें : पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ना जारी, दिल्ली में पेट्रोल 81.28 रुपये
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