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हंगामे के साथ शुरू हुआ संसद का मॉनसून सत्र, पीएम मोदी ने कहा विपक्ष के हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार

संसद का मॉनसून सत्र बुधवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। राज्यसभा में सत्र शुरू होने के पहले ही दिन विपक्षी दलों के हंगामे से कार्यवाही बाधित हुई।

Updated on: 18 Jul 2018, 01:11 PM

नई दिल्ली:

संसद का मॉनसून सत्र बुधवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। राज्यसभा में सत्र शुरू होने के पहले ही दिन विपक्षी दलों के हंगामे से कार्यवाही बाधित हुई। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई। सांसदों को उनकी क्षेत्रीय भाषा में भाषण देने के बाद राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू ने शून्य काल का आह्वान किया।

तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के सांसदों ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

संसद की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में शास्त्रीय नर्तकी सोनल मानसिंह, मूर्तिकार रघुनाथ मोहपात्रा और लेखक-विचारक राकेश सिन्हा ने बुधवार को नवनिर्वाचित सांसदों के रूप में शपथ ली। इन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा नामित किया गया था।

मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजनीतिक दलों से इस सत्र को ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करने का आग्रह किया और कहा कि सरकार सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

मोदी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, 'संसद के मानसून सत्र में आप सबका स्वागत है। कई मुद्दों पर चर्चा होनी है। मैं उम्मीद करता हूं कि सभी राजनीतिक दल सहयोग करेंगे और सत्र को सुचारु रूप से चलने देंगे।' उन्होंने कहा, 'सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।'

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उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से मानसून सत्र के समय का ज्यादा से ज्यादा समय का सदुपयोग करने का और राज्य विधानसभाओं के लिए एक उदाहरण पेश करने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'राष्ट्रीय महत्व के कई मामले हमारे सामने हैं। हम सभी अनुभवी सदस्यों से अच्छे सुझाव और चर्चाओं की उम्मीद करते हैं। मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करता हूं कि वे संसद में अपने समय का प्रभावी ढंग से सदुपयोग करें।'

उन्होंने यह भी कहा कि इस साल मानसून सत्र के दौरान देश के कई क्षेत्रों में ज्यादा बारिश हुई है, जबकि कुछ हिस्सों में अभी तक उचित बारिश नहीं हुई है। संसद में इस तरह के मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।

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