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इस शहर में सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ मनाएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ से एक दिन पहले 28 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोधपुर आएंगे। वह तीनों सेनाओं के प्रमुखों की ‘यूनिफाइड कमाण्डर कॉन्फ्रेंस’ को संबोधित करेंगे।

Updated on: 26 Sep 2018, 06:50 PM

नई दिल्ली:

सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ से एक दिन पहले 28 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोधपुर आएंगे। वह तीनों सेनाओं के प्रमुखों की ‘यूनिफाइड कमाण्डर कॉन्फ्रेंस’ को संबोधित करेंगे। कमाण्डर कॉन्फ्रेंस 27 सितम्बर से जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर शुरू होगी। कॉन्फ्रेंस में जम्मू कश्मीर में सेना की ओर से आतंकियों के विरुद्ध चलाए जा रहे ऑपरेशन, चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर साझा रणनीति, हिंद महासागर व पूर्वी चीन सागर में बढ़ रही चीनी घुसपैठ को लेकर चर्चा की जाएगी।

सर्जिकल स्ट्राइक की बरसी से ऐन पहले पाकिस्तानी सीमा से लगते फॉरवर्डिंग एयरबेस पर आयोजित कान्फ्रेंस का मकसद पड़ोसी मुल्क को कड़ा संदेश देना है। पीएम मोदी इसके अंतिम दिन तीनों सेना प्रमुखों को संबोधित करेंगे। वह 28 सितम्बर को सिविल एयरपोर्ट पर उतरेंगे। एयरपोर्ट पर ही बीजेपी के स्थानीय नेताओं से मिल सकते हैं। फिलहाल पीएम का जोधपुर में कोई सिविल कार्यक्रम नहीं है।

कब हुआ था सर्जिकल स्ट्राइक

28-29 सिंतबर 2016 की आधी रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी और बड़ी संख्या में उन्हें मौत के घाट सुला दिया था। यूं तो सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग और उसे अंजाम तक पहुंचाने में एक बहुत बड़ी टीम की अहम भूमिका थी लेकिन दुश्मन के नाक के नीचे उसकी छत्रछाया में पल रहे आंतकियों के लॉन्च पैड को तबाह इन्हीं 19 जवानों ने किया।

दरअसल पैरा रेजिमेंट की चौथी और नवीं बटालियन के एक कर्नल, पांच मेजर, दो कैप्टन, एक सूबेदार, दो नायब सूबेदार, तीन हवलदार, एक लांस नायक और चार पैराट्रूपर्स ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।

इस सर्जिकल स्ट्राइक की कहानी रौंगटे खड़े कर देने वाली है। चौथे पैरा के अफसर को सरकार ने कीर्ति चक्र और कमानडिंग अफसर को युद्ध सेवा मेडल दिया गया है। सरकार ने इस टीम को 4 शौर्य चक्र, 13 सेवा मेडल भी दिए हैं। इसके अलावा सरकार ने और भी कई सम्मानों से इन जाबांज सैनिकों को नवाज़ा है।

आतंकियों को मिला उरी हमले का जवाब

जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना मुस्तैद हो गई थी और आतंकियों को सबक सिखाने के लिए उसकी पनाहगार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित टेरर लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनानी शुरु कर दी थी।