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कांग्रेस का आरोप, पीएम मोदी और रेटिंग एजेंसीज़ देश का मूड भांपने में रहे विफल

कांग्रेस पार्टी ने हालिया सर्वेक्षणों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि रेटिंग एजेंसी मूडीज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का मूड भांपने में विफल रहे हैं।

Updated on: 17 Nov 2017, 11:34 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस पार्टी ने हालिया सर्वेक्षणों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि रेटिंग एजेंसी मूडीज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का मूड भांपने में विफल रहे हैं।

मूडीज ने जहां भारत की सॉवरेन रेटिंग में सुधार दिखलाया है वहीं प्यू के सर्वेक्षण में मोदी को अभी भी 'लोकप्रिय नेता' बताया गया है।

कांग्रेस ने कहा, 'भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के बाद मोदी सरकार अपनी खोई विश्वसनीयता का दावा करने के लिए तिनके का सहारा ले रही है।'

पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में कहा है, 'मोदीजी और मूडीज जी जोड़ी विफल रही है।'

उन्होंने कहा कि भुखमरी, किसानों पर गोलीबारी, कृषि की दुर्दशा, लोगों का नौकरी से वंचित होना, न्यूनतम क्रेडिट रेटिंग, महंगाई, निर्यात में कमी, दोषपूर्ण जीएसटी, नोटबंदी की आपदा, स्थिर विकास अर्थव्यवस्था को जानने के प्रमुख सूचक हैं।

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कांग्रेस नेता ने कहा, 'वे विश्वबैंक की दिल्ली और मुंबई को देखकर तैयार की गई रिपोर्ट पर भरोसा करते हैं, और दावा करते हैं कि सबकुछ ठीकठाक है। साथ ही, 2,464 लोगों को शामिल कर किया गया पीईडब्ल्यू सर्वेक्षण के आधार पर विजय का दावा करते हैं।'

सुरजेवाला ने कहा, 'इस रफ्तार पर मोदीजी को अगला चुनाव विदेशों में लड़ना चाहिए। '

अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को भारत की सॉवरेन रेटिंग को सबसे निचली श्रेणी बीबीबी-3 से उन्नत करके बीबीबी-2 दिखाया है।

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मूडीज के मुताबिक यह रिपोर्ट भारत सरकार की ओर से शुरू किए गए आर्थिक व संस्थागत सुधारों के व्यापक कार्यक्रमों पर आधारित है।

अमेरिका के वाशिंगटन स्थित गैर-पक्षपाती थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर की ओर से करवाए गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि तीन साल के कार्यकाल के बाद भी मोदी की लोकप्रियता 2015 जैसी ही बनी हुई है। रिपोर्ट के कहा गया है कि 70 फीसदी भारत के लोग उनके कामकाज से संतुष्ट हैं।

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