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रिश्वत मामला: जांच के लिए SIT की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा फैसला

मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने के लिए जजों के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने जांच के लिए SIT बनाने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

Updated on: 13 Nov 2017, 09:13 PM

नई दिल्ली:

मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने के लिए जजों के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने जांच के लिए SIT बनाने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगी। सोमवार करीब 2 घंटे चली जोरदार सुनवाई में जस्टिस आर के अग्रवाल, अरुण मिश्रा, ए एम खानविलकर की बेंच ने शांति भूषण और प्रशांत भूषण के साथ एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल की दलीलें भी सुनीं थी। 

एटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा, 'सीबीआई की एफआईआर में मुख्य आरोपियों के नाम के साथ 'अज्ञात सरकारी अधिकारी' लिखा है। इसे सुप्रीम कोर्ट के जजों से जोड़ना गलत होगा।'

वहीं, प्रशांत भूषण ने 3 जजों की बेंच में मामला भेजने को गलत बताया। उन्होंने जजों से आग्रह किया कि वो सुनवाई न करें। हालांकि, आखिर में उन्होंने SIT गठन की मांग भी दोहराई।

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साल 2004-2010 के दौरान उड़ीसा हाई कोर्ट के जज रहे कुदुशी पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद एक निजी मेडिकल कॉलेज को एमबीबीएस कोर्स में छात्रों का प्रवेश स्वीकार करने में मदद करने का आरोप है।

जस्टिस कुदुशी को सितंबर में गिरफ्तार किया गया था और इस समय वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इनके ऊपर निजी मेडिकल कॉलेज का निर्देशन करने और उसके प्रबंधन को सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमों के पक्ष में निपटारा करने का भरोसा दिलाने का आरोप लगाया है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता कामिनी जायसवाल ने गुरुवार को मामले की जांच न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल यानी एसआईटी से करवाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।

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