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दिल्ली हाईकोर्ट ने मोदी सरकार से पूछा, राशन के लिए आधार क्यों किया अनिवार्य?

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी कर पूछा कि जन वितरण प्रणाली के तहत सब्सिडी वाला अनाज लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य क्यों किया गया है।

Updated on: 08 Mar 2017, 11:23 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी कर पूछा कि जन वितरण प्रणाली के तहत सब्सिडी वाला अनाज लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य क्यों किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.रोहिणी तथा न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा की एक खंडपीठ ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण मंत्रालय तथा दिल्ली सरकार से मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 अप्रैल से पहले नोटिस का जवाब मांगा।

गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) दिल्ली रोजी रोटी अधिकार अभियान ने जनहित याचिका दाखिल कर न्यायालय से केंद्र सरकार द्वारा आठ फरवरी को जारी उस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की, जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सब्सिडी वाला अनाज खरीदने के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है।

केंद्र सरकार की अधिसूचना असम, मेघालय तथा जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मान्य है।

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याचिका के मुताबिक, अधिसूचना के क्रियान्वयन के कारण लोग एनएफएसए के तहत अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं और यह संविधान के अनुच्छेद 14 तथा 21 का उल्लंघन करता है।

एनएफएसए के तहत वैसे खरीदार जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, या अभी तक उन्होंने इसे बनाने के लिए पंजीकरण नहीं कराया है, लेकिन एनएफएसए के तहत सब्सिडी वाला अनाज लेने के इच्छुक हैं, तो उन्हें 30 जून तक आधार पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा।

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