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जेब पर मंहगाई की मार, सब्सिडाइज्ड LPG सिलेंडर 2.33 रुपये मंहगा, पेट्रोल 6 पैसे सस्ता

देश में तेल की कीमतों का आंकड़ा 85 पार जाने के बाद बुधवार के बाद से लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई है।

Updated on: 01 Jun 2018, 12:42 PM

ऩई दिल्ली:

मंहगाई की मार झेल रहे आम लोगों के लिए फिलहाल मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही है। शुक्रवार को बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत में 48 रुपये का इजाफा हुआ है। वहीं सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर 2.33 रुपयें मंहगा हो गया है।

वहीं पेट्रोल और डीजल के दामों में आज फिर कटौती की गई है। नए रेट के मुताबिक शुक्रवार को पेट्रोल के क़ीमत में 6 पैसे, जबकि डीज़ल में 5 पैसे की कमी की गई है। बता दें कि 30 मई से पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती का सिलसिला जारी है।

पिछले तीन दिनों में पेट्रोल की क़ीमतों में 14 पैसी की कमी की गई है वहीं डीज़ल में 11 पैसे की कमी की गई है।   

आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 78.29 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 69.20 रुपये प्रति लीटर हो गई।

कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 80.92 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 71.85 रुपये प्रति लीटर है।

मुंबई में पेट्रोल की कीमत 86.10 रुपये और डीजल की कीमत 73.67 रुपये प्रति लीटर है। चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 81.28 रुपये और डीजल की कीमत 73.06 रुपये लीटर हो गई है।

1 जून से सब्स‍िडी वाले सिलेंडर कीमत दिल्ली में 493.55, कोलकाता में 496.65, मुंबई 491.31 और चेन्नई में 481.84 रुपये हो गई हैं।

इससे पहले दिल्ली में एक सब्स‍िडी वाले सिलेंडर के लिए आपको 491.21 प्रति सिलेंडर चुकाने पड़ रहे थे। ये दाम कोलकाता में 494.23, मुंबई 488.94 और चेन्नई में 479.42 रुपये थे।

इस तरह से एक जून से बढ़ी कीमतों के बाद दिल्ली में बिना सब्सिडी का सिलेंडर 48.5 रुपये महंगा हो गया है, तो कोलकाता में 49.5, मुंबई में 48.5 रुपये और चेन्नई में 49.5 रुपये महंगा हो गया है। 

इसके साथ ही बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के लिए दिल्ली में 698.50 रुपये,  कोलकाता में 723.50 रुपये, मुंबई में 671.50 रुपये, चेन्नई में 712.50 चुकाने होंगे। 

गौरतलब है कि 14-29 मई के दौरान तेल के दाम में रोजाना आधार पर वृद्धि हुई और पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करीब चार रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो गया।

पिछले दो सप्ताह में दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई और कोलकाता में चार साल के ऊपरी स्तर पर बनी हुई थी।

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