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इन मुद्दों पर सप्ताह भर संसद में चलता रहा हंगामा, गतिरोध अब भी बरकरार

हंगामे की वजह से लोकसभा एवं राज्यसभा में शुक्रवार को भी प्रश्नकाल एवं शून्यकाल नहीं हो पाया।

Updated on: 21 Mar 2018, 01:36 PM

नई दिल्ली:

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले, कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन सहित कुछ अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), वाईएसआर कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के भारी हंगामे के कारण आज भी संसद के दोनों सदनों में व्यवधान बना रहा और वर्तमान पूरा सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया।

हंगामे की वजह से लोकसभा एवं राज्यसभा में शुक्रवार को भी प्रश्नकाल एवं शून्यकाल नहीं हो पाया। गत सोमवार से शुरू बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले सप्ताह में गतिरोध कायम रहा।

पूरे सप्ताह में कल उच्च सदन में शुरूआती एक घंटा अपवाद रहा, जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न दलों के सदस्यों विशेषकर महिला सदस्यों ने आधी आबादी से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी।

हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा एवं राज्यसभा एक एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।

लोकसभा में शुक्रवार सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों को कोरिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के विशेष दीर्घा में मौजूद होने की जानकारी दी।

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इसके बाद उन्होंने सदन को तीन पूर्व सदस्यों श्यामा सिंह, भानु कुमार शास्त्री और प्रबोध पांडा के निधन की जानकारी दी । सदन में, दिवंगत सदस्यों को, उनके सम्मान में कुछ पल मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई ।

इसके बाद अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल आरंभ करने को कहा, वैसे ही तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हाथों में तख्तियां लिए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे।

सदन में शुक्रवार को तेदेपा सदस्य और मंत्रिमंडल पद से गुरुवार को इस्तीफा दे चुके अशोक गजपति राजू भी मौजूद थे। उन्हें आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाते देखा गया।

राजग सरकार में तेदेपा कोटे से दो मंत्रियों अशोक गजपति राजू और वाई एस चौधरी ने कल प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

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कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले को उठाया और कांग्रेस सदस्य इस मुद्दे पर हाथों में तख्तियां लेकर आसन के समीप पहुंच गए।

अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग उठाई और आसन के समीप जाकर नारेबाजी की।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने भी राज्य में आरक्षण कोटे में बढ़ोतरी के मुद्दे पर अपनी मांग को लेकर लोकसभा अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की।

शोर शराबा थमता नहीं देख सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

हंगामे के चलते एक बार के स्थगन के बाद जब दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर आरंभ हुई तो स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। सदन में हंगामा नहीं थमता देख अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

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उधर, राज्यसभा में बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने जैसे ही शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया, सदन में हंगामा शुरू हो गया। 

अन्नाद्रमुक, द्रमुक, तेदेपा और कांग्रेस के सदस्य अपनी अपनी मांगों के पक्ष में नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गए।

कांग्रेस, अन्नाद्रमुक और तेदेपा के कुछ सदस्यों के हाथों में पोस्टर थे। अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्य कर्नाटक एवं तमिलनाडु के मध्य कावेरी नदी के पानी के बंटवारे के लिए कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने की मांग कर रहे थे। साथ ही वे पेरियार की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने का भी विरोध कर रहे थे। 

आंध्र प्रदेश के सदस्य अपने प्रांत को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस के सदस्य पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को तत्काल भारत लाने और उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

सभापति नायडू ने कहा 'एक सप्ताह का समय व्यर्थ चला गया। यह ठीक नहीं है, यह दुखद है।'

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उन्होंने सदन में हंगामा नहीं थमने पर 11 बज कर करीब 10 मिनट पर बैठक को दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

दोपहर ढाई बजे सदन की बैठक शुरु होने पर कांग्रेस, तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने आसन के समीप आकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुये उपसभापति से पीएनबी घोटाला मामले पर चर्चा की मांग की।

इस पर कुरियन ने तिवारी से कहा कि वह नारेबाजी कर रहे अपनी पार्टी के सदस्यों को उनके स्थान पर लौटने के लिये कहें, तब उन्हें बोलने की अनुमति दी जायेगी।

कुरियन ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध करते हुये कहा कि सदस्यों द्वारा उठाये जा रहे सभी मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार हैं, बशर्ते सदन की कार्यवाही सुचारू होने दी जाये।

नारेबाजी बंद नहीं होने पर कुरियन ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

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