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परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में न्यूज़ नेशन के दर्शक के सवाल का पीएम मोदी ने दिया यह जवाब

न्यूज़ नेशन के एक दर्शक ने सवाल करते हुए कहा कि 'अलग-अलग छात्रों की अलग-अलग मज़बूती होती है ऐसे में कोई यह कैसे उम्मीद कर सकता है कि सभी छात्र गणित और विज्ञान विषय में भी निपुण ही होंगे.'

Updated on: 29 Jan 2019, 01:08 PM

नई दिल्ली:

परीक्षा पर चर्चा (Pariksha Pe Charcha 2.0) संस्करण के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने छात्रों और उनके अभिभावकों से तनाव रहित परीक्षा को लेकर चर्चा करते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. PM नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पर चर्चा' के दौरान कहा, 'दबाव से परिस्थिति बिगड़ जाती है, बच्चे पर परीक्षा का दबाव न बनाएं. माता-पिता को भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे पर अनावश्यक दबाव न बनाया जाए. माता-पिता को बच्चों पर अपने सपने नहीं थोपने चाहिए.'

इस दौरान आपके पसंदीदा चैनल न्यूज़ नेशन के एक दर्शक ने सवाल करते हुए कहा कि 'अलग-अलग छात्रों की अलग-अलग मज़बूती होती है ऐसे में कोई यह कैसे उम्मीद कर सकता है कि सभी छात्र गणित और विज्ञान विषय में भी निपुण ही होंगे.'

इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि 'आपकी चिंता बेहद स्वाभाविक है. घर में तमाम सुझाव मिलता है लेकिन सही मार्गदर्शन नहीं मिलता, नतीजा यह होता है कि आप भ्रमित हो जाते हैं. आप अपने बारे में सबसे बेहतर जानते हैं कि आपकी रुची किसमें हैं आपका जुनून क्या है? आप अपने अंदर की ताक़त को पहचानिए और पहले अगर आपने कोई बेहतर काम किया है तो उसका हवाला देते हुए अपने मां-बाप को समझाइए. अपने टीचर से बात कीजिए और अपने अंदर के कंफ्यूजन को ख़त्म कीजिए. मैं वड़ोदरा में विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच जाता रहता हूं ज़्यादातर छात्र कहते रहते थे कि मैं ग्रेजुएट हो जाऊं. एक छात्र ने कहा 'मैं राज करना चाहता हूं.' मैने पूछा कि राजनीति में जाओगे क्या? उसने कहा कि नेता तो आते जाते रहते हैं मैं बाबू बनना चाहता हूं. बाद में वह अच्छे पद पर काबिज हुआ.'

इससे पहले पीएम मोदी ने छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा, 'आपकी कोई तारीफ करे या न करे, आपको खुद पर विश्वास होना चाहिए. आप अपने मन में बना लें कि मैं खुद एक ऐसी स्थिति पैदा करूंगा कि टीचर मुझे नोटिस करे. अभिभावकों का सकारात्मक रवैया भी बच्चे की जिंदगी की बहुत बड़ी ताकत बन जाता है.

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. जो सफल लोग होते हैं, उन पर समय का दबाव नहीं होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्होंने अपने समय की कीमत समझी होती है. एग्जाम को हम एक अवसर माने तो इसमें मजा आएगा. मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती है. जो सफल लोग होते हैं, उन पर समय का दबाव नहीं होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने समय की कीमत समझी होती है.