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बीजेपी के दावों की पोल खोलता है पंडित जवाहरलाल नेहरू का संसद में दिया यह बयान

मसूद अजहर को वैश्‍विक आतंकी घोषित करने को लेकर चीन के वीटो पर कांग्रेस के विरोध पर बीजेपी ने कहा था कि यह सब पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की नीतियों का नतीजा है.

Updated on: 16 Aug 2019, 07:45 AM

नई दिल्‍ली:

मसूद अजहर को वैश्‍विक आतंकी घोषित करने को लेकर चीन के वीटो पर कांग्रेस के विरोध पर बीजेपी ने कहा था कि यह सब पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की नीतियों का नतीजा है. उन्‍होंने ही चीन को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता का समर्थन किया था. हालांकि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लोकसभा में दिए एक बयान में इस बात का खंडन किया था.

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28 सितंबर 1955 को 'द हिंदू' के पहले पेज पर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की एक खबर छपी थी, जिसमें लोकसभा में दिया उनका बयान था. दरअसल लोकसभा में जेएन पारिख ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से सवाल किया था, ''क्या भारत ने उन्हें संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में अनौपचारिक रूप से की गई सीट की पेशकश ठुकरा दी थी. इसी सवाल के जवाब में पंडित नेहरू ने बयान दिया था.

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तत्‍कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लोकसभा में कहा था- हमें इस तरह का कोई औपचारिक या अनौपचारिक ऑफर नहीं मिला था. प्रधानमंत्री ने कहा था- ऐसा कोई ऑफर नहीं था. न औपचारिक और न ही अनौपचारिक. मीडिया में ऐसी कुछ खबरें आ रही हैं, जिनका कोई आधार नहीं है. सुरक्षा परिषद की रूपरेखा यूएन चार्टर पर आधारित है, जिसके अनुसार कुछ राष्‍ट्र ही सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सीट पा सकते हैं. संयुक्‍त राष्‍ट्र के चार्टर में संशोधन के बिना इसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता. इस तरह भारत को स्‍थायी सीट के ऑफर का सवाल ही नहीं उठता. हमारी घोषित नीति के अनुसार, हम उन सभी देशों की सदस्‍यता का समर्थन करेंगे, जो इसकी योग्‍यता रखते हैं.