सिद्धू पर कैप्टन अमरिंदर सिंह का निशाना, कहा- भारतीय सौनिकों की मौत के ज़िम्मेदार पाकिस्तान सेना प्रमुख को गले लगाना ठीक नहीं
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, सेना प्रमुख के आदेश पर हमारे सेना मारे जाते हैं इसलिए ऐसे व्यक्ति को गले लगाने पर देश में ग़लत संदेश गया है।
नई दिल्ली:
पंजाब सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान दौरे को लेकर बवाल अब भी जारी है। मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पाकिस्तान के सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा को गले लगाने को ग़लत बताया है। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख के आदेश पर हमारे सेना मारे जाते हैं इसलिए ऐसे व्यक्ति को गले लगाने पर देश में ग़लत संदेश गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमलोग प्रत्येक साल 300 लोग खो रहे हैं। पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा हमारे लोग मारे या घायल किए जा रहे हैं। यह सब सेना प्रमुख के आदेश पर हो रहा है। इन गतिविधियों के लिए आप किसी जवान या सेना के अधिकारी को दोषी नहीं ठहरा सकते बल्कि यह सब सेना प्रमुख के आदेश पर होता है। इसलिए ऐसे में जब कि सेना प्रमुख के आदेश पर हमारे वीर जवान मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं उन्हें गले लगाना ठीक नहीं।'
वहीं जब कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछा गया कि क्या उन्हें सिद्धू के इस कृत्य से शर्मिंदगी हुई तो उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि सिद्धू समझ नहीं पाए कि पाकिस्तान जाने और प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण सामारोह में हिस्सा लेने का दूसरा मतलब हो सकता है। हालांकि सिद्धू और इमरान एक दूसरे को कई सालों से जानते हैं, दोनो अच्छे दोस्त हैं और एक दूसरे के ख़िलाफ़ खूब क्रिकेट भी खेला है इसलिए वो बुलावे पर पाकिस्तान गए। यह भी ठीक है कि वो पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के राष्ट्रपति के बगल में बैठे थे क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि वो किसके बगल में बैठे हैं। मुझे भी नहीं पता कि वो कैसे दिखते हैं। मुझे तो यह भी नहीं पता कि पीओके का कोई राष्ट्रपति भी है क्योंकि यह सब हमारे कश्मीर में बैठे हैं।'
इससे पहले पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख को गले लगाने के मामले में आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जनरल कमर जावेद बाजवा, प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह से पहले उनसे मुश्किल से एक मिनट के लिए ही मिले थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'मैं उनसे बाद में नहीं मिला था।'
सिद्धू ने कहा कि 18 अगस्त को इस्लामाबाद में शपथ ग्रहण समारोह में उनके स्थान को अंतिम समय में बदल दिया गया था और उन्हें नहीं पता था कि कौन उनके पास बैठा है।
अपने दौरे का बचाव करते हुए सिद्धू ने कहा, 'मेरा दौरा राजनीतिक नहीं था, बल्कि मेरे पुराने मित्र के निमंत्रण पर था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बस से लाहौर गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगास्तिान से अपने आधिकारिक दौरे से वापस लौटते समय 2015 में अचानक लाहौर चले गए थे।'
और पढ़ें- सिद्धू के पाकिस्तान जाने पर बोले शहीद औरंगजेब के पिता, इमरान खान भी बढ़ाएं दोस्ती का हाथ
गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पहले भी कहा था कि सिद्धू द्वारा बाजवा को गले लगाना 'एक अच्छा तरीका नहीं था और इससे पूरी तरह बचना चाहिए' था।
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