पद्मावती विवाद: योगी सरकार ने कहा- फिल्म की रिलीज शांति व्यवस्था के लिए खतरा
पद्मावती के रिलीज़ को लेकर विरोध जारी है और इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर इस फिल्म के बारे में जानकारी मांगी है।
नई दिल्ली:
अगले महीने रिलीज होने वाली संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमाम संगठनों के बाद अब यूपी सरकार ने फिल्म रिलीज को शांति व्यवस्था के लिए खतरा बताया है।
यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा कर कहा है कि फिल्म का रिलीज होना शांति व्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है। यह पत्र यूपी के गृह विभाग ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव को लिखा है। पत्र में फिल्म की कहानी और ऐतिहासिक तथ्यों को कथित रूप से तोड़-मरोड़ कर पेश किए जाने की बात कहते हुए इस संबंध में केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) को अवगत कराने का अनुरोध किया गया है।
इस खत में अपील की गई है कि फिल्म के प्रमाणन पर निर्णय लेते समय बोर्ड के सदस्य जनभावनाओं को जानते हुए विधि अनुसार निर्णय लें।
9 अक्टूबर, 2017 को इस फिल्म के ट्रेलर के लॉन्च होने के बाद से ही कई सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संगठनों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
पत्र में गृह विभाग ने लिखा है कि इन संगठनों द्वारा फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर बैठक, प्रदर्शन, नारेबाजी, जुलूस, पुतला दहन आदि के जरिए तीव्र प्रतिक्रिया जताई जा रही है। इन संगठनों द्वारा रानी पद्मावती के चरित्र को गलत ढंग से प्रदर्शित किए गये दृश्यों को फिल्म से हटाने की मांग की जा रही है। साथ ही सिनेमाघरों के प्रबंधकों/मालिकों से इस फिल्म का प्रदर्शन न करने की अपील भी की जा रही है।
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गृह विभाग के माध्यम से केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव को अवगत कराया गया है कि वर्तमान में प्रदेश में स्थानीय निकायों के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें 22, 26 और 29 नवंबर को 3 चरणों में मतदान होना है। साथ ही 2 दिसम्बर, 2017 को ही चन्द्रदर्शन के अनुसार बारावफात का पर्व भी पड़ना संभावित है, जिसमें पारंपरिक रूप से मुस्लिम समुदाय द्वारा बड़े पैमाने पर जुलूस आदि निकाले जाते हैं।
गृह विभाग ने खत में कहा है, 'ऐसे माहौल में यदि इस फिल्म को ट्रेलर लॉन्च के दौरान प्रदर्शित स्वरूप में सार्वजनिक रूप से रिलीज किया जाता है तो, इसके कारण प्रदेश में व्यापक पैमाने पर अशांति और कानून एवं व्यवस्था की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। स्थानीय निकाय चुनाव और बारावफात को देखते हुए शासन-प्रशासन की व्यस्तताओं और प्रतिबद्धताओं के मद्देनजर 1 दिसम्बर, 2017 से फिल्म का रिलीज होना शांति व्यवस्था के हित में नहीं होगा।'
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