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1984 सिख दंगों के लिए राहुल गांधी को नहीं ठहरा सकते जिम्मेदार: पी. चिदंबरम

चिदंबरम ने जहां सिख दंगों पर राहुल का बचाव किया वहीं राफेल डील के सवाल पर केंद्र पर हमला भी बोला। राफेल डील के मुद्दे पर पी. चिदंबरम ने कहा कि यह मामला गंभीर है।

Updated on: 25 Aug 2018, 02:47 PM

नई दिल्ली:

बर्लिन में 1984 के दंगों पर राहुल के बयान को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सफाई दी है। चिदंबरम ने 1984 के दंगों में कांग्रेस की संलिप्तता न होने के राहुल गांधी के बयान पर कहा है कि तब पार्टी सत्ता में थी और यह घटना बेहद दर्दनाक थी। इसको लेकर पहले भी माफी मांगी जा चुकी है। चिदंबरम ने कहा, '1984 में कांग्रेस सत्ता में थी। तब बेहद दुखद घटना हुई और डॉ. मनमोहन सिंह इसके लिए संसद में माफी मांग चुके हैं। इसके लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उस दौरान वह महज 13 या 14 साल के थे। उन्होंने किसी को दोषमुक्त करार नहीं दिया है।'

चिदंबरम ने जहां सिख दंगों पर राहुल का बचाव किया वहीं राफेल डील के सवाल पर केंद्र पर हमला भी बोला। राफेल डील के मुद्दे पर पी. चिदंबरम ने कहा कि यह मामला गंभीर है।

इस पर सार्वजनिक बहस होनी चाहिए और विस्तृत जांच कराई जानी चाहिए। यही वजह है कि कांग्रेस के अध्यक्ष और पार्टी ने इस मसले को प्रमुखता के साथ उठाया है। 

गौरतलब है कि शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रिटेन में कहा था कि 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस पार्टी की कोई संलिप्तता नहीं थी। राहुल ने कहा था कि यह दंगा बेहद दर्दनाक था, लेकिन कांग्रेस की इसमें कोई आपराधिक संलिप्तता नहीं थी।

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इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा था कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस की पहचान हो चुकी है। इसके साथ ही बीजेपी ने बर्लिन में संबोधन के दौरान गुरु नानक देव का नाम लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की निंदा की।

बीजेपी ने यह मांग भी की कि गांधी को सिखों के खिलाफ अपराध के लिए माफी मांगनी चाहिए।

बीजेपी के सचिव सरदार आर.पी. सिंह ने कहा, 'राहुल जी सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए गुरु नानक देवजी का नाम ले रहे हैं। उनके लिए सिख सिर्फ वोटबैंक हैं। राहुल को जघन्य अपराध के लिए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त के सामने माफी मांगनी चाहिए।'

आर.पी. सिंह बर्लिन में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करने के दौरान कांग्रेस नेता की तरफ से की गई टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे, जिसमें राहुल ने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस समाज को बांटकर और घृणा फैलाकर देश को कमजोर कर रहे हैं।

सिंह ने कहा कि गांधी की सोच वास्तव में 'फूट डालो और राज करो' वाली कांग्रेस की संस्कृति के अनुरूप है।

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उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि उनकी सोच गुरु नानक देवजी की सोच से मेल नहीं खाती, बल्कि उनकी सोच कांग्रेस की विचारधारा से मेल खाती है। उस संस्कृति से, जिसने देश को बांटा और सिर्फ देश पर शासन करने की कोशिश की।'

बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष जरूरत पड़ने पर सिखों को मित्र कहते हैं। उन्होंने कहा, 'वोट लेने के लिए आप मित्रता करते हैं, लेकिन जब सिखों के लिए न्याय मांगा जाता है तब आप मित्रता नहीं दिखा सकते।'

उन्होंने कहा, 'आप और आपकी पार्टी ने हमेशा सज्जन (कुमार), (एचकेएल) भगत, (जगदीश) टाइटलर, कमल नाथ जैसे लोगों को बढ़ावा दिया है।'

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उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में 1984 में लगभग 3,000 सिख मारे गए थे। उन्होंने कहा, 'उस समय के गृहमंत्री ने कहा था कि मात्र 600 लोगों की मौत हुई, लेकिन वास्तविक सूची संसद में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने दी थी कि नरसंहार में 3,000 लोग मारे गए थे। उसके बाद सरकार को दिल्ली में लगभग 2,700 मौतों की बात स्वीकार करनी पड़ी थी।'