बीजेपी सरकार पी चिदंबरम को ग़लत तरीके से फंसाने की कर रही है साज़िश: शरद पवार
पवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार पी चिदंबरम और ममता बनर्जी जैसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए सत्ता का 'दुरूपयोग' कर रही है।
नई दिल्ली:
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने मोदी सरकार पर एयरसेल-मैक्सिस मामले को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के ख़िलाफ़ सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
पवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार पी चिदंबरम और ममता बनर्जी जैसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए सत्ता का 'दुरूपयोग' कर रही है।
पवार ने कहा, 'बीजेपी सरकार प्रयास कर रही है कि सत्ता का दुरुपयोग कर पी चिदंबरम को ग़लत तरीके से फंसाया जाए। इसी तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जुड़े लोगों पर छापेमारी की जा रही है।'
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम से एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया सौदा मामलों में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई पूछताछ कर रही है।
इतना ही नहीं उन्होंने 2019 के आम चुनावों में मोदी सरकार के ख़िलाफ़ सभी विपक्षी दलों को एकजुट होने का आवाहन भी किया।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नाटक चुनाव के दौरान परेशान करने की नियत से कांग्रेस के 40 विधायकों पर छापेमारी की गई।
उन्होंने कहा, 'बहरहाल, कर्नाटक के लोगों ने उन्हें (बीजेपी) सबक सीखा दिया है। केंद्र सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और समय आ गया है कि इस सरकार को हटाया जाए।'
पवार विपक्षी दलों के नेताओं को संबोधित कर रहे थे जिसमें कांग्रेस और पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के नेता शामिल थे। ये नेता महाराष्ट्र विधान परिषद के कोंकण स्नातक क्षेत्र से राकांपा उम्मीदवार नजीब मुल्ला का समर्थन कर रहे हैं जिसके लिए द्विवार्षिक चुनाव 25 जून को होने वाले हैं।
सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में भूमिका निभाने की पेशकश करते हुए पवार ने कहा कि अगले लोकसभा चुनावों में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को भी शरद पवार ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता का सूत्रधार बनने को लेकर इच्छा जताई थी।
उन्होंने विपक्ष को बीजेपी के ख़िलाफ़ एकजुट होने का आवाहन करते हुए कहा कि देश में आज 1977 जैसे हालात हैं। उन्होंने कहा कि देश में 1977 जैसी स्थिति है जब विपक्षी दलों के गठबंधन ने इंदिरा गांधी को सत्ता से बेदखल कर दिया था।
उन्होंने हालिया उप चुनावों में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, 'ज्यादातर उप चुनाव परिणाम सत्तारूढ़ पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ गए हैं। यह कोई छोटी चीज नहीं है।'
पवार ने कहा, 'पूर्व में ऐसे अवसर रहे हैं जब उपचुनावों में मिली हार का नतीजा उस समय की मौजूदा सरकार की हार के रूप में निकला।'
उन्होंने 1977 को भी याद किया जब विपक्षी एकता का परिणाम इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की हार के रूप में निकला था और कहा कि उसी तरह की स्थितियां अब बन रही हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'लोकतंत्र में विश्वास करने वाले और साझा न्यूनतम कार्यक्रम रखने वाले बीजेपी विरोधी दलों को लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखना चाहिए और एक मंच पर आगे आना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि राज्यों में मजबूत मौजूदगी रखने वाले दलों (जैसे कि केरल में वाम, कर्नाटक में जेडीएस, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र में कांग्रेस, आंध्र प्रदेश में तेदेपा, तेलंगाना में टीआरएस, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और महाराष्ट्र में राकांपा) को एक आम सहमति बनाने की आवश्यकता है।
पिछले हफ्ते विपक्षी दल लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में 14 सीटों में से 11 पर विजयी बनकर उभरे थे और सत्तारूढ़ पार्टी तथा इसके सहयोगी तीन सीटों तक सिमटकर रह गए थे।
महाराष्ट्र के कद्दावर नेता ने कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट करने में उन्हें खुशी होगी।
और पढ़ें- INX मीडिया केस: पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम सीबीआई के सामने हुए पेश
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