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विपक्षी दलों के बयान ने पाकिस्तान को मुस्कुराने का दिया मौका: अरुण जेटली

अरुण जेटली ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बयानों ने भारत के राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचाई है और देश को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान की अपने बयानों के जरिए मदद कर रही है.

Updated on: 03 Mar 2019, 11:36 PM

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun jaitley) ने एक बार फिर से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए (UPA) जितना भयानक तरीके से सरकार चलाती थी, उससे कई गुणा ज्यादा खराब विपक्ष चला रही है. उनके बयानों ने भारत के राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचाई है और देश को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान की मदद की है.  

बालाकोट में भारत के एयर स्ट्राइक के बाद कांग्रेस के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों ने एक प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पुलवामा और बालाकोट की घटनाओं का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया.

अरुण जेटली ने कहा, 'विपक्षी दलों का बयान (बालाकोट में वायुसेना की ओर से किए गए आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद) भारत के राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचाई है. उन्होंने पाकिस्तान को मुस्कुराने का मौका दिया और वे आतंकवाद के खिलाफ भारत के अभियान को अस्वीकार्य किए जाने में पाक के हथियार बन गए.'

अपने ब्लॉग में जेटली ने कहा कि ऐसे अवसरों पर राष्ट्र को एक स्वर में बोलना चाहिए, जैसा कि 1971 के युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी और जनसंघ ने किया था.

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उन्होंने कहा कि 21 विपक्षी पार्टियों ने बैठक कर पुलवामा और बालाकोट की घटना पर पीएम मोदी पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रस्ताव पारित किया जो कि बेहद आपत्तिजनक है. पाकिस्तानी मीडिया ने इन 21 पार्टियों के बयान को ट्रंप कार्ड के रूप में इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने दो बार विपक्षी दलों के नेताओं को विश्वास में लिया था.

वित्त मंत्री ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी लपेटा. उन्होंने लिखा, 'पश्चिम बंगाल की सीएम तो एक कदम आगे बढ़ गईं. वह तो घटनाक्रम पर ही संदेह करने लगीं और ऑपरेशन डिटेल मांगने लगीं. सरकार और वायु सेना की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया गया.

वहीं, सबसे ज्यादा आपत्तिजनक बयान पूर्व पीएम डॉ.मनमोहन सिंह की तरफ से आया जिन्होंने कहा कि दोनों देश आपसी आत्म विनाश की पागल दौड़ में शामिल हो गए हैं, जिससे वह सबसे अधिक परेशान हैं. उनके मुताबिक, आतंकवाद पैदा करने वाले और इसके पीड़ित दोनों बराबर हैं. अपने बयान में डॉ.सिंह ने संप्रभुता की रक्षा के भारत के अधिकार पर संदेह जताया. उन्होंने अपने बयान में गरीबी, अज्ञानता और बीमारी का जिक्र किया, लेकिन हिंसा और आतंकवाद उनके बयान का हिस्सा नहीं थे.'

जेटली ने कहा कि मैं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बयान से सबसे ज्यादा निराश हूं.