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'एक देश, एक चुनाव' पर ज्यादातर दलों का समर्थन मिला, अब पीएम नरेंद्र मोदी बनाएंगे समिति

सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि यह मसला बीजेपी का एजेंडा नहीं, बल्कि देश का एजेंडा है. इस मसले पर विरोध करने वाले विचारों का भी सम्मान किया जाएगा.

Updated on: 19 Jun 2019, 09:25 PM

highlights

  • 40 पार्टियों को बुलाया गया, 16 ने नजरअंदाज की पीएम मोदी की अपील.
  • 24 पार्टियों ने एक देश, एक चुनाव के मसविदे पर सहमत.
  • अब पीएम नरेंद्र मोदी इस मसले पर बनाएंगे समिति.

नई दिल्ली.:

'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर सर्वदलीय बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि इस मसले पर एक समिति बनाई जाएगी, जो इससे जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करके अपनी रिपोर्ट देगी. यह फैसला पीएम की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में हुआ. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि बैठक में शामिल 24 पार्टियों ने एक देश-एक चुनाव के मुद्दे पर अपना समर्थन दिया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि बैठक में सिर्फ सीपीआई और सीपीएम ने इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर आशंका जाहिर की है. गौरतलब है कि सरकार ने इस सर्वदलीय बैठक में 40 पार्टियों को बुलाया था. इसके बावजूद कांग्रेस, एसपी, बसपा, आम आदमी पार्टी, टीएमसी जैसी कई पार्टियों ने इस बैठक में शिरकत नहीं की.

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अब पीएम नरेंद्र मोदी गठित करेंगे समिति
बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने बताया कि सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह ने एक समिति का गठन करने की बात कही है, जो इस मसले पर विस्तृत अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को देगी. इस समिति का गठन खुद पीएम मोदी करेंगे. उन्होंने बताया कि सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि यह मसला बीजेपी का एजेंडा नहीं, बल्कि देश का एजेंडा है. इस मसले पर विरोध करने वाले विचारों का भी सम्मान किया जाएगा.

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इस तरह बचे धन का प्रयोग जनहित कामों में होगा
हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर सदस्यों ने एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर अपना समर्थन दिया है. सीपीआई-सीपीएम की तरफ से थोड़ा-बहुत विचारों में मतभेद रहा है. उनकी चिंता इस बात पर थी कि यह कैसे संभव होगा, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे का विरोध नहीं किया. उन्होंने सिर्फ इसके क्रियान्वयन को लेकर आशंका जाहिर की. बैठक में 21 पार्टियों के अध्यक्ष मौजूद थे, साथ ही तीन पार्टियों के अध्यक्षों ने व्यस्तता के कारण बैठक में आने में असर्थता जाहिर की, लेकिन उन्होंने पत्र के माध्यम से इन मुद्दों पर अपने विचार रखे.