जेडीयू पर दावे की लड़ाई के बीच शरद यादव गुट ने घोषित की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी
जेडीयू में पार्टी पर दावों को चल रहे घमासान के बीच शरद यादव गुट ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पार्टी पदाधिकारियों के नामों की घोषणा शनिवार को कर दी है। इसमें चार उपाध्यक्ष, 10 महासचिव और छह सचिव शामिल हैं।
नई दिल्ली:
जेडीयू में पार्टी पर दावों को चल रहे घमासान के बीच शरद यादव गुट ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पार्टी पदाधिकारियों के नामों की घोषणा शनिवार को कर दी है। इसमें चार उपाध्यक्ष, 10 महासचिव और छह सचिव शामिल हैं।
गौरतलब है कि शरद गुट ने 8 अक्टूबर को राष्ट्रीय परिषद की बैठक की थी, जिसमें सर्वसम्मति से गुजरात के विधायक छोटूभाई वसावा को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया था।
वसावा ने शरद यादव से परामर्श करके पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। यह नियुक्तियां अगले साल 11 मार्च तक के लिए की गई हैं।
शरद यादव गुट के पार्टी महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सांसद अली अनवर, पूर्व सांसद राजवंशी महतो, डॉ. एस.एन. गौतम और सुशीला मोरारे को उपाध्यक्ष बनाया गया है। अरुण कुमार श्रीवास्तव, जावेद रजा, पूर्व सांसद के. रमाया, अर्जुन राय, जार्ज वर्गीज, गोविंद यादव, वीरेंद्र विधूड़ी, प्रो रतन लाल और अनिल जयहिंद को महासचिव नियुक्त किया गया है।
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एम.वी.एस. कुमार, अनिल भगत, राम चन्द्राया, लाल बहादुर सिंह, जुबैर अहमद और चन्द्रशेखर यादव को सचिव बनाया गया है। सलीम मदवूर को पार्टी की युवा शाखा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 65 लोगों को रखा गया है। पार्टी ने बिहार इकाई का अध्यक्ष वहां के पूर्व मंत्री रमई राम को बनाया है।
इससे पहले शरद यादव जेडीयू के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग गए थे। उन्होंने कहा कि उनके गुट ने अपने दावे के समर्थन में 429 हलफनामे पेश किए हैं।
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले गुट ने भी नीतीश के नेतृत्व के समर्थन में अपने सांसदों एवं विधायकों के हलफनामे पेश किए हैं। इस गुट का दावा है कि पार्टी के ज्यादातर नेता नीतीश कुमार के साथ हैं और महज मुट्ठी भर नेता यादव के पक्ष में हैं।
इस गुट ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से संपर्क किया है और अपने बागी सांसदों शरद यादव और अली अनवर को अयोग्य करार देने की अर्जी लगाई है।
जब यादव से राज्यसभा से उन्हें और अनवर को सभापति के सामने पेश होने के लिए नोटिस मिलने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, उनके वकील मामले पर गौर कर रहे हैं।
आपको बता दें कि नीतीश के बीजेपी से हाथ मिलाने को लेकर शरद यादव ने बागी तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी दलों के साथ हाथ मिला लिया है।
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