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ओडिशा में चुनाव से पहले कांग्रेस को जोर का झटका, प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफा देकर थामा BJD का दामन

ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नबा किशोर दास ने पार्टी से इस्तीफा देकर सत्ताधारी पार्टी बिजू जनता दल (बीजेडी) का दामन थाम लिया है.

Updated on: 16 Jan 2019, 06:03 PM

नई दिल्ली:

ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नबा किशोर दास ने पार्टी से इस्तीफा देकर सत्ताधारी पार्टी बिजू जनता दल (बीजेडी) का दामन थाम लिया है. राहुल गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में दास ने लिखा है कि मेरे क्षेत्र के लोग और वोटर चाहते थे कि मैं अगला चुनाव बिजू जनता दल की तरफ से लड़ूं. इसलिए मैंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया है. लोकसभा चुनाव में जब 3 महीने से भी कम वक्त बचा है ऐसे में राहुल गांधी और कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है.

उन्होंने अपने पत्र में लिखा, "मेरे क्षेत्र की जनता और मतदाता चाहते हैं कि मैं अगला चुनाव बीजद की तरफ से लड़ूं क्योंकि वे हमारे क्षेत्र का विकास चाहते हैं और चाहते हैं कि इसीलिए मुझे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से हाथ मिला लेना चाहिए." उन्होंने कहा कि वह जनता के सभी महत्वपूर्ण सुझावों को मुख्यमंत्री के झारसुगुडा दौरे के दौरान उन्हें देंगे जो यहां 24 जनवरी को एक कैंसर अस्पताल का उद्घाटन करने आ रहे हैं. दास ने बीजद प्रत्याशी व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष किशोर कुमार मोहंती को दो बार 2009 और 2014 में झारसुगुडा सीट पर हराया था.

वहीं दूसरी तरफ ओडिशा में धान किसानों को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच घमासान बढ़ता जा रहा है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बीजू जनता दल (BJD) सुप्रीमो और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक धान की कीमतों के मुद्दे को लेकर दिल्ली में अपने विरोध प्रदर्शन के जरिए केंद्र सरकार पर दोष मढ़कर 'अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे' हैं. इससे पहले पटनायक धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढोतरी की मांग को लेकर दिल्ली के टालकटोरा स्टेडियम में अपनी पार्टी के धरना में आए और वादे पूरे नहीं करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की.

पटनायक ने कहा, 'BJP ने 2014 की घोषणा पत्र में धान किसानों को न्यूनतम समर्थन मुल्य देने का वादा किया था लेकिन अब तक इन्होंने उनके लिए कुछ नहीं किया. आज हमने इसी मुद्दे पर तालकटोरा स्टेडियम में चर्चा किया और इस संबंध में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा है.' जिसके बाद पटनायक पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि BJD प्रमुख स्वामिनाथन कमेटी की सिफारिशों को उद्धृत करते हुए केंद्र सरकार से सवाल कर रहे हैं, लेकिन इससे अनजान हैं कि रिपोर्ट लिखने वाले एम एस स्वामिनाथन ने कृषि से आमदनी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार के उपायों की सराहना की है.

ओडिशा के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए प्रधान ने कहा कि उन्होंने वही कहा जो उनके ‘अनभिज्ञ’ सलाहकारों ने उन्हें बताया, क्योंकि वह अधिकतर लिखित बयान पढ़ रहे थे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और ओडिशा में धान की खरीद के लिए अब तक मंडी नहीं खोले गए हैं. उन्होंने कहा, 'BJD का मिल मालिकों के साथ सांठगांठ है इसलिए अब तक मंडी नहीं खोले गए हैं. राज्य के किसानों को 1,100 से 1,200 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से इधर-उधर अपना धान बेचना पड़ रहा है.'