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ऑड-ईवन पर संशय बरकरार, NGT के केजरीवाल सरकार से सवाल, जानें किन-किन देशों ने अपनाया फॉर्मूला

भारत ऑड-ईवन स्कीम लागू करने वाला पहला देश नहीं है। इससे पहले भी कई देश ऑड-ईवन स्कीम के ज़रिए प्रदूषण पर लगाम लगाने की कोशिश कर चुके हैं।

Updated on: 10 Nov 2017, 05:12 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली की केजरीवाल सरकार प्रदूषण का हल ऑड-ईवन स्कीम से निकाले की कोशिश कर रही है। हालांकि भारत ऑड-ईवन स्कीम लागू करने वाला पहला देश नहीं है। इससे पहले भी कई देश ऑड-ईवन स्कीम के ज़रिए प्रदूषण पर लगाम लगाने की कोशिश कर चुके हैं। 

हालांकि एनजीटी ने केजरीवाल सरकार की इस योजना पर सवाल उठाते हुए इस स्कीम को फिलहाल लागू करने से मना कर दिया है। इस सबके बीच आइए जानें और किन देशों में लागू हुआ है ऑड-ईवन फॉर्मूला।  

फ्रांस

फ्रांस का पेरिस भी प्रदूषण की समस्या को देखते हुए ऑड-ईवन लागू कर चुका है। सबसे पहले यह फॉर्मूला साल 1997 में लागू किया था। इसके बाद इस दोबारा 2014 में लागू किया गया।

चीन

चीन का बीजिंग और भारत की दिल्ली पूरी दुनिया में अत्याधिक प्रदूषण के लिए प्रसिद्ध है। प्रदूषण से निजात पाने के लिए चीनी सरकार ने पहली बार ऑड-ईवन फॉर्मूला साल 2008 में लागू किया था। इस फॉर्मूले को ओलिंपिक खेलों के दौरान लागू किया गया था।

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मेक्सिको

मेक्सिको की राजधानी मेक्सिको सिटी में ऑड-ईवर फॉर्मूला सबसे पहले 1984 में लागू किया गया था जोकि 1993 तक चला। यहां इस नियम का उल्लंघन करने पर दो हज़ार रुपये से लेकर चार हज़ार रुपये तक का जुर्माना लगाया गया था।

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इससे प्रदूषण में खासी कमी आई थी लेकिन बाद में लोगों ने दो अलग-अलग नंबर की कार खरीदनी शुरू कर दी थी जिससे यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई और इसे बंद करना पड़ा।

कोलंबिया

कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में भी प्रदूषण से निजात पाने के लिए ऑड-ईवन स्कीम लागू की गई थी। हालांकि बाद में यहां भी इसका असर कुछ खास न होता देख और दूसरे नंबर की भी गाड़ी खरीदने के चलन को देखते हुए इस स्कीम को बंद करना पड़ा था।

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