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GST से एंटी कैंसर, HIV, एंटी डायबिटीज और एंंटीबायोटिक्स समेत 761 दवाएं नहीं होंगी महंगी

दवा की कीमतों की निगरानी करने वाली संस्था एनपीपीए ने कहा है कि 1 जुलाई से देश में नई कर व्यवस्था के लागू होने के बाद भी करीब 78 फीसदी दवाओं की कीमतों पर कोई असर नहीं होगा।

Updated on: 01 Jul 2017, 12:32 AM

highlights

  • गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के बाद भी करीब 78 फीसदी दवाओं की कीमतों पर कोई असर नहीं होगा
  • जीएसटी के लागू होने से पहले ही एंटी कैंसर, एचआईवी, डायबिटीज और एंटीबायोटिक्स समेत 761 दवाओं की कीमतों की घोषणा कर चुकी है

नई दिल्ली:

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के बाद भी करीब 78 फीसदी दवाओं की कीमतों पर कोई असर नहीं होगा। दवा की कीमतों की निगरानी करने वाली संस्था एनपीपीए ने कहा है कि 1 जुलाई से देश में नई कर व्यवस्था के लागू होने के बाद भी करीब 78 फीसदी दवाओं की कीमतों पर कोई असर नहीं होगा, जिनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

एनपीपीए जीएसटी के लागू होने से पहले ही एंटी कैंसर, एचआईवी, डायबिटीज और एंटीबायोटिक्स समेत 761 दवाओं की कीमतों की घोषणा कर चुकी है।

हालांकि अभी तक कीमतों को लेकर हुई बदलाव के बारे में अधिसूचना नहीं जारी नहीं की गई है। एनपीपीए ने कहा कि जीएसटी के लागू होने के बाद वह इन कीमतों को लेकर अधिसूचना जारी नहीं की जाएगी।

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एनपीपीए ने ट्वीट कर कहा, 'देश में इस्तेमाल की जाने वाली करीब 78 फीसदी दवाओं की कीमतों में जीएसटी के बाद कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।' गौरतलब है कि जीएसटी के लागू होने के बाद देश में महंगाई बढ़ने की चिंता जताई जा रही है, जिसे सरकार औऱ उसकी एजेंसियों ने दूर करने की कोशिश की है।

इससे पहले माना जा रहा था कि जीएसटी के लागू होने के बाद अधिकांश इस्तेमाल की जाने वाली दवा की कीमतों में 2.29 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी। सरकार ने सभी दवाओं को जीएसटी के 12 फीसदी वाले स्लैब में रखा है, जिस पर अभी तक करीब 9 फीसदी टैक्स चुकाना होता था।

एनपीपीए चेयरमैन भूपिंद्र सिंह ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि जीएसटी आसानी से देश में लागू हो जाएगी और देश में दवाओं की उपलब्धता में कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी।'

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