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अब विदेशी मीडिया ने भी माना कि भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक में मारे गए थे 170 आतंकी

इटली के एक पत्रकार फ्रेंसेसा मैरिनो ने stringerasia.it नाम की वेबसाइट में भारतीय वायुसेना के बालाकोट में किए गए एयर स्ट्राइक का पूरा विवरण छापा है.

Updated on: 09 May 2019, 09:28 AM

नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक में 170 लोगों के मारे जाने का दावा विदेशी मीडिया ने किया है. इटली के एक पत्रकार फ्रेंसेसा मैरिनो ने stringerasia.it नाम की वेबसाइट में भारतीय वायुसेना के बालाकोट में किए गए एयर स्ट्राइक का पूरा विवरण छापा है. मैरिनो ने बताया कि एयरस्ट्राइक में 130-170 आतंकियों के मारे जाने का अनुमान लगाया गया है, जिनमें वो आतंकी भी शामिल हैं जो इलाज के दौरान अपनी जान गवां बैठे हैं. बालाकोट हमले में मारे गए लोगों में 11 ट्रेनर हैं जो नए आतंकियों को बम बनाने या हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहे थे.

आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने इस हमले से अपना पल्ला झाड़ लिया था तो कई विदेशी मीडिया हाउस ने भी इस हमले को लेकर कई सवाल उठाए थे. ऐसे में इटली से आई ये रिपोर्ट पाकिस्तान के खिलाफ भारत की बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने की गवाही पर मुहर लगाती है. आपको बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद भारत ने जब जवाबी कार्रवाई का फैसला किया तभी से जैश ए मोहम्मद का ठिकाना रहा बालाकोट भारतीय खुफिया एजेंसियों के निशाने पर था.

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बालाकोट भारत-पाकिस्तान सीमा रेखा से काफी दूरी पर स्थित है नियंत्रण रेखा से काफी दूर है, जो आतंकियों के प्रशिक्षण के लिए एक सुरक्षित जगह है और तो और नियंत्रण रेखा पर स्थित भारतीय चौकियों पर कार्रवाई करने वाले पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) को भी बालाकोट में प्रशिक्षण दिया जाता है. लिहाजा इस हमले में पाकिस्तान को बड़ी क्षति होने की आशंका जताई जा रही है.

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मैरिनो ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, 'जैश ए मोहम्मद के कैंप तक पहुंचने के लिए पहाड़ी की चढ़ाई करनी होती है. जहां से इसका रास्ता शुरू होता है, ठीक उसी मुहाने पर ब्लू पाइन होटल है. पहाड़ी पर पहुंचने के बाद एक साइन बोर्ड दिखता है जिस पर तालीम-उल-कुरान लिखा है. यह बोर्ड पहले वाले उस बोर्ड की तरह नहीं है जिस पर जैश ए मोहम्मद और मसूद अजहर का नाम लिखा था. अजहर के अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के बाद बोर्ड से उसका नाम हटा दिया गया है. जैश के इस आतंकी कैंप का पूरा नियंत्रण पाकिस्तान आर्मी के हाथों में है. इसकी कमान मुजाहिद बटालियन के कैप्टेन रैंक का एक अधिकारी संभालता है. कैंप तक जाने के लिए धूल भरी सड़क पर लोगों का आना-जाना प्रतिबंधित है. हालत यह है कि स्थानीय पुलिस भी यहां तक नहीं पहुंच सकती.'