उपहार कांड के दोषी गोपाल अंसल को करना होगा सरेंडर, SC से नहीं मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने गोपाल अंसल की याचिका पर तुंरत सुनवाई करने से इंकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने गोपाल अंसल के सरेंडर के लिए समय सीमा को भी बढ़ाने से मना कर दिया।
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने उपहार कांड के दोषी गोपाल अंसल की याचिका पर तुंरत सुनवाई करने से इंकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने गोपाल अंसल के सरेंडर के लिए समय सीमा को भी बढ़ाने से मना कर दिया। 9 फरवरी को कोर्ट ने गोपाल अंसल को एक महीने के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया।
Uphaar Fire case: SC to hear petition of Gopal Ansal seeking parity for his sentence. Matter likely to be heard on Monday. pic.twitter.com/i0qnqkN0RU
— ANI (@ANI_news) March 3, 2017
गोपाल अंसल के सरेंडर करने की समय सीमा 9 मार्ट को समाप्त हो रही है। याचिका में कुछ गलतियां होने के कारण सूची में शामिल नहीं की जा सकी। गोपाल अंसल ने पहली बार अपनी सेहत का हवाला दिया।
अंसल ने कहा कि उनकी सेहत को देखते हुए पहले ही काटी हुई सजा को पर्याप्त माना जाना चाहिए।जबकि सीबीआई ने अंसल की याचिका का विरोध
करते हुए कहा, इस पूरे मामले की सुनवाई के दौरान सेहत का हवाला कभी नहीं दिया गया।
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अंसल ने इस मामले में समता के सिद्धांत की बात कहते हुए कहा है कि जो राहत उनके भाई सुशील अंसल को दी गई है वही उनको दी जाए। बता दें कि सुशील अंसल को खराब स्वास्थ्य के आधार पर राहत दे दी गई थी।
सीबीआई का कहना कि अंसल ये सारे झूठ सरेंडर करने से बचने के लिए याचिका के रूप में दे रहे है। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस खेहर सिंह ने कहा,' जब तक इस मामले की सुनावई ना हो जाए सरेंडर के लिए किसी भी तरह की राहत नहीं दी जा सकती।'
बता दें कि कि उपहार सिनेमा में 1996 में बार्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लग गयी थी। इस हादसे में 59 लोगों की मौत हो गयी थी।