भारत युद्ध के रास्ते पर नहीं, लेकिन सेना किसी भी हालात से निपटने को तैयार: सीतारमण
चीन के साथ डोकलाम विवाद के तात्कालिक समाधान के बाद देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत किसी भी देश से युद्ध लड़ने की राह पर नहीं है।
highlights
- रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत किसी भी देश के साथ युद्ध के रास्ते पर नहीं है
- हालांकि साथ में उन्होंने यह जरूर कहा कि भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं
नई दिल्ली:
चीन के साथ डोकलाम विवाद के तात्कालिक समाधान के बाद देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत किसी भी देश से युद्ध लड़ने की राह पर नहीं है।
सीतारमण ने कहा, 'हम युद्ध के रास्ते पर नहीं हैं लेकिन मैं यह बताना चाहती हूं कि हमारी सेना किसी भी स्थिति के लिए तैयार है।' सीतारमण ने कहा, 'सीमा से जुड़े मुद्दों को समग्र तरीके से सुलझाया जा रहा है ताकि देश को किसी तरह का नुकसान नहीं हो।'
उन्होंने कहा कि देश को बार-बार 56 इंच का सीना दिखाने की जरूरत नहीं है।
भारत-चीन के बीच डोकलाम मसले पर तात्कालिक हल निकलने के ठीक बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि दो फ्रंट पर युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत के चीन के साथ युद्ध की संभावनाओं को स्वीकार किए जाने के बाद रक्षा मंत्री का यह बयान सामने आया है।
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डोकलाम विवाद के समाधान और भारत एवं चीन के सेना हटाए जाने के फैसले के बाद थल सेना प्रमुख ने कहा था, 'जंग सच्चाई से बहुत दूर नहीं है। यह मानना एक मिथक ही है कि परमाणु हथियारों से लैस या लोकतांत्रिक पड़ोसियों में जंग नहीं होगी।'
जनरल बिपिन रावत ने कहा था, 'उत्तर में चीन और पश्चिम में पाकिस्तान से लड़ाई की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।'
उन्होंने कहा, 'चीन ने अपनी ताकत दिखाना शुरू किया है। 'सलामी स्लाइसिंग' (धीरे-धीरे भूभाग पर कब्जा करना) और दूसरे की सहने की क्षमता को परखना, चिंता का विषय है। हमें इस प्रकार की धीरे धीरे उभरती स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।'
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वहीं कुछ दिनों पहले ही सेना के उत्तरी कमान के हेड ने कहा था जरूरत पड़ने पर भारत दोबारा 'सर्जिकल स्ट्राइक' से पीछे नहीं हटेगा।
सेना के उत्तरी कमान के हेड लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू ने कहा था, 'भारतीय सेना भविष्य में जरूरत पड़ने पर फिर से नियंत्रण रेखा को पार करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक कर सकती है।'
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना मुख्यालय पर हुए हमले के बाद भारतीय सेना ने 29 सितंबर 2016 को नियंत्रण रेखा के पार जाकर पाकिस्तान के कब्जे जाने वाले कश्मीर में आतंकियों के लॉन्च पैड को नष्ट करते हुए कई आतंकियों को मार गिराया था।
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