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पुलवामा आतंकी हमला : NIA ने दोबारा केस दर्ज कर जांच टीम गठित की

आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने ली थी. हमले के अगले दिन एनआईए की टीम जांच के लिए श्रीनगर पहुंची थी.

Updated on: 20 Feb 2019, 05:42 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए भीषण आतंकी हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से जांच की कार्रवाई अपने पास लेकर दोबारा केस दर्ज किया है. इससे पहले 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले के बाद केस दर्ज किया था. इस आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हुए थे. एनआईए ने पहले ही विस्फोटकों के सैंपल और विस्फोट स्थल से प्रमाण इकट्ठा कर लिए हैं. एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने दोबारा केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच के लिए जांच टीम का गठन किया गया है.

जांच एजेंसी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, खुफिया और सेना के अधिकारियों के पास मौजूद प्रमाणों को इकट्ठा करने के लिए उनसे मुलाकात की. एनआईए आतंकी हमले की योजना और इसे अंजाम दिए जाने की जांच करेगी.

पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपुरा में सीआरपीएफ के 76वीं बटालियन के 2,500 जवानों के काफिले पर यह आत्मघाती हमला हुआ था. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने ली थी. हमले के अगले दिन एनआईए की टीम जांच के लिए श्रीनगर पहुंची थी.

जेईएम ने कहा था कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के एक स्थानीय फिदायीन अदिल अहमद डार ने यह हमला किया था. इसके साथ ही आंतकी संगठन ने हमले के दिन ही डार का एक वीडियो भी जारी किया था.

हमले की जांच कर रहे एनआईए के सूत्रों ने 16 फरवरी को कहा था कि डार ने संभवत: 150 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट(सुपर 90)- एक उर्वरक जिसका कम तीव्रता के धमाके के लिए प्रयोग किया जाता है, का प्रयोग किया. जांच अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए एनआईए सूत्रों ने पुलवामा हमले में आरडीएक्स के प्रयोग या दो विस्फोटकों की संभावना से इनकार नहीं किया है.

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हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि सुरक्षा बल विस्फोटकों से भरी गाड़ी की पहचान और उसकी गतिविधियों का पता लगाने में विफल रहे. उन्होंने कहा था कि हमें यह बात स्वीकार करनी होगी कि हमसे भी गलती हुई है.