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NGT ने दिल्ली में डीजल एंबुलेंसों के पंजीकरण की दी अनुमति

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT ) ने 3 तेल कंपनियों से 10 साल पुराने डीजल ट्रकों का विवरण जमा करने के लिए कहा जिसका ये ईधन परिवहन के रूप में उपयोग करते हैं। हालांकि NGT ने मरीजों को ले जाने के लिए डीजल एम्बुलेंस के पंजीकरण की अनुमति दी।

Updated on: 06 Aug 2017, 02:48 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT ) एम्स के मरीजों को लाने ले जाने के लिए ऐसे चार डीजल एंबुलेंस के पंजीकरण को मंजूरी दी है जो कि बीएस-चार उत्सर्जन नियम को पूरा करते हैं।

एनजीटी ने एम्स के मरीजों को लाने ले जाने के लिए ऐसे चार डीजल एंबुलेंस के पंजीकरण को मंजूरी दी है जो कि बीएस-चार उत्सर्जन नियम को पूरा करते हैं। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने एम्स की ओर से 10 वर्ष से पुराने वाहनों को नष्ट करने का आश्वासन मिलने के बाद उसे यह राहत दी है।

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राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने यह स्पष्ट किया कि एंबुलेंस का इस्तेमाल केवल मरीजों को लाने ले जाने में ही किया जाए। पीठ ने कहा, 'अधिकारी की ओर से यह कहा गया है कि ये एंबुलेंस बीएस-चार नियम को पूरा करती हैं। इसलिए पंजीकरण अधिकारियों के समक्ष इसके साक्ष्य पेश किए जाने चाहिए और इन नियमों को पूरा करने पर कानून के तहत वाहनों का पंजीकरण और उन्हें चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए।'

गौरतलब है कि अधिकरण ने नए डीजल वाहनों के पंजीकरण तथा 10 वर्ष पुराने वाहनों के दोबारा पंजीकरण पर पिछले वर्ष रोक लगा दी थी। जिसके बाद एम्स ने नए वाहनों के पंजीकरण के लिए अधिकरण के समक्ष अपील की थी।

इसके बाद में उच्चतम न्यायालय ने भी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दो हजार सीसी इंजन क्षमता वाली डीजल एसयूवी और कारों के पंजीकरण पर रोक लगा दी थी।

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