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तीन तलाक पर महिला आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

तलाक के बिदत व बहु विवाह के मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इसे बंद करने की मांग की है।

Updated on: 08 Nov 2016, 07:08 PM

New Delhi:

तीन तलाक या तलाक के बिदत व बहु विवाह के मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इसे बंद करने की मांग की है। आयोग ने ये मांग मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के हनन होने के आधार पर की है।

हलफनामे में भारत सरकार के रूख का समर्थन करते हुए कहा गया कि, ' तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह असंवैधानिक हैं क्योंकि वे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन करते हैं, जो उनके और उनके बच्चों के लिए नुकसानदेह होता है। लिहाजा, इन प्रथाओं पर सख्ती से पाबंदी लगाई जानी चाहिए।'

गौरतलब है कि अक्टूबर में केंद्र ने न्यायालय को दिए अपने जवाब में मुस्लिम समुदाय की तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाओं का विरोध किया था और लैंगिक समानता एवं धर्मनिरपेक्षता के आधारों पर इन पर विचार करने की वकालत की थी। जिस के बाद से ही इस मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही है।

साल 2015 में देश के 10 राज्यों में एक गैरसरकारी संस्था 'भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन' ने 4710 मुस्लिम महिलाओं की राय जानी। अध्ययन में सामने आए नतीजों के मुताबिक 92% मुस्लिम महिलाएं मौखिक तलाक के खिलाफ़ हैं। मुस्लिम महिलाओं ने तलाक को एकतरफा नियम बताया। 93% चाहती हैं कि कानूनी प्रक्रिया का पालन हो। उन्होंने तलाक के केस में मध्यस्थता की मांग की।