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2016 की तुलना में 2017 में गंगा के पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ: सरकार

केंद्र सरकार ने सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हवाले से कहा कि 2016 की तुलना में 2017 में नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

Updated on: 23 Jul 2018, 11:25 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हवाले से कहा कि 2016 की तुलना में 2017 में नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। बोर्ड गंगोत्री से लेकर बंगाल की खाड़ी तक गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता की निगरानी करता है।

केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, 'गंगा के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा अधिसूचित जल गुणवत्ता मानक की सीमा में पाई गई है। यह इस बात का संकेत है कि सभी मौसम में नदी पारिस्थितिकी संतोषजनक स्तर पर है। हालांकि, हरिद्वार से कन्नौज के बीच और कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और पश्चिम बंगाल में नदी के कुछ हिस्से में जैविक ऑक्सीजन आवश्यकता से कम पाया गया है।'

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डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि गंगा नदी में जल गुणवत्ता निगरानी का काम 2017 में शुरू किया गया था। इससे यह संकेत मिले हैं कि 2016 की तुलना में नदी के पानी की गुणवत्ता बेहतर हुई है। पानी में घुलनशील ऑक्सीजन का स्तर 33 स्थानों में बेहतर हुआ है। वहीं दूसरी ओर 26 स्थानों में जैविक ऑक्सीजन की कमी में सुधार हुआ है। 30 स्थानों में नदी के पानी में कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की संख्या भी घटी है।

मंत्री ने कहा, 'राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने गंगा बेसिन वाले क्षेत्रों में सीवेज के निस्तारण के लिए आवश्यक आधारभूत संरचनाओं से जुड़ी 105 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। नदी सफाई और गंगा संरक्षण के लिए इस परियोजना के तहत 17484.97 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।'

मंत्री ने आगे कहा, 'इन परियोजनाओं में से 26 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इनके जरिए रोजाना 42.1 करोड़ लीटर सीवेज का शोधन किया जाता है। इसके साथ ही करीब 2050 किलोमीटर नई सीवर लाइनें बिछाई गई हैं। परियोजना का बाकी काम विभिन्न चरणों में है।'

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