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UPSC पास किए बगैर अफसर बनाने के मोदी सरकार के फैसले पर बरसा विपक्ष, कहा- कल ये बिना चुनाव बना लेंगे PM

नौकरशाही में प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सीनियर अधिकारी के लिए रास्ता खोलने वाले केंद्र सरकार के फासले पर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा है।

Updated on: 11 Jun 2018, 08:34 AM

नई दिल्ली:

नौकरशाही में प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सीनियर अधिकारियों के लिए रास्ता खोलने वाले केंद्र सरकार के फैसले पर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा है।

कांग्रेस नेता और पूर्व आईएएस रहे पीएल पुनिया ने भी बीजेपी सरकार के इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'इसके जरिए मोदी सरकार का मकसद बीजेपी और संघ से जुड़े लोगों को पीछे के रास्ते से बड़ी पोस्ट पर बिठाना है।'

कांग्रेस के अलावा राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भी बिना UPSC की परीक्षा पास किए भी अफसर बनाने के फैसले पर सरकार को घेरा। तेजस्वी ने कहा, ' 'यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है। कल को ये बिना चुनाव के प्रधानमंत्री और कैबिनेट बना लेंगे। इन्होंने संविधान का मजाक बना दिया है।'

वहीं जहां विपक्ष सरकार के इस फैसले पर सरकार पर बरस रहा है तो वहीं आइएस अशोक खेमका ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने लिखा, 'ज्वाइंट सेक्रेटरी पोस्ट्स की नियुक्ति के लिए भारत सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है, इससे शायद सार्वजनिक सेवाओं से जुड़ी प्रतिभाओं का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा।'

बता दें कि केंद्र सरकतार ने रविवार को एक अधिसूचना जारी की जिसके तहत अब सरकारी विभाग में बड़ा अधिकारी बनने के लिए सिविल सर्विसेज परीक्षा (यूपीएससी) पास करना जरूरी नहीं होगा।

इसके अलावा नीति आयोग के उपाअध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने भी सरकार के फैसले की तारीफ की है।

सरकार के फैसले के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे कोई भी व्यक्ति जिसका अनुभव 15 साल का हो और 1 जुलाई तक उसकी उम्र 40 साल हबो साथ ही किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से वह स्नातक की डिग्री लिया हो तो वह संयुक्त सचिव के पद पर आवेदन कर सकते हैं। इस पद के लिए 30 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं।