UPSC पास किए बगैर अफसर बनाने के मोदी सरकार के फैसले पर बरसा विपक्ष, कहा- कल ये बिना चुनाव बना लेंगे PM
नौकरशाही में प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सीनियर अधिकारी के लिए रास्ता खोलने वाले केंद्र सरकार के फासले पर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा है।
नई दिल्ली:
नौकरशाही में प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सीनियर अधिकारियों के लिए रास्ता खोलने वाले केंद्र सरकार के फैसले पर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा है।
कांग्रेस नेता और पूर्व आईएएस रहे पीएल पुनिया ने भी बीजेपी सरकार के इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'इसके जरिए मोदी सरकार का मकसद बीजेपी और संघ से जुड़े लोगों को पीछे के रास्ते से बड़ी पोस्ट पर बिठाना है।'
कांग्रेस के अलावा राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भी बिना UPSC की परीक्षा पास किए भी अफसर बनाने के फैसले पर सरकार को घेरा। तेजस्वी ने कहा, ' 'यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है। कल को ये बिना चुनाव के प्रधानमंत्री और कैबिनेट बना लेंगे। इन्होंने संविधान का मजाक बना दिया है।'
यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 10, 2018
कल को ये बिना चुनाव के प्रधानमंत्री और कैबिनेट बना लेंगे। इन्होंने संविधान का मजाक बना दिया है। pic.twitter.com/8shIHodMew
वहीं जहां विपक्ष सरकार के इस फैसले पर सरकार पर बरस रहा है तो वहीं आइएस अशोक खेमका ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने लिखा, 'ज्वाइंट सेक्रेटरी पोस्ट्स की नियुक्ति के लिए भारत सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है, इससे शायद सार्वजनिक सेवाओं से जुड़ी प्रतिभाओं का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा।'
Lateral recruitments to the posts of Joint Secretary in Govt of India notified. May the best talents from outside nurture public services.
— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) June 10, 2018
बता दें कि केंद्र सरकतार ने रविवार को एक अधिसूचना जारी की जिसके तहत अब सरकारी विभाग में बड़ा अधिकारी बनने के लिए सिविल सर्विसेज परीक्षा (यूपीएससी) पास करना जरूरी नहीं होगा।
इसके अलावा नीति आयोग के उपाअध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने भी सरकार के फैसले की तारीफ की है।
PM @narendramodi announces another HUGE reform by exposing the top civil service to competition through lateral entry. Hope India’s best minds will rise to the occasion and come forward to serve. They are the key to the success of the reform. pic.twitter.com/b4A2nUt23H
— Arvind Panagariya (@APanagariya) June 10, 2018
सरकार के फैसले के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे कोई भी व्यक्ति जिसका अनुभव 15 साल का हो और 1 जुलाई तक उसकी उम्र 40 साल हबो साथ ही किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से वह स्नातक की डिग्री लिया हो तो वह संयुक्त सचिव के पद पर आवेदन कर सकते हैं। इस पद के लिए 30 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं।