logo-image

नजीब अहमद केस: दिल्ली कोर्ट ने सीबीआई की लाई-डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग को किया खारिज

दिल्ली की पाटियाला हाउस कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र नजीब अहमद के गायब होने के मामले में सीबीआई की 9 छात्रों के लाई-डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग को खारिज कर दिया है।

Updated on: 21 Nov 2017, 05:26 PM

highlights

  • सीबीआई ने पटियाला कोर्ट में 9 संदिग्ध छात्रों का लाई-डिटेक्टर टेस्ट कराने की याचिका दायर की थी
  • विश्वविद्यालय में एबीवीपी के छात्रों के साथ हुए कथित झड़प के बाद 15 अक्टूबर 2016 से है गायब

नई दिल्ली:

दिल्ली की पाटियाला हाउस कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र नजीब अहमद के गायब होने के मामले में सीबीआई की 9 छात्रों के लाई-डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग की याचिका को खारिज कर दिया है।

एमएससी छात्र नजीब अहमद पिछले एक साल से विश्वविद्यालय से गायब है। इससे पहले 15 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सीबीआई ने पटियाला कोर्ट में जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की जांच में 9 संदिग्ध छात्रों का लाई-डिटेक्टर टेस्ट कराने की याचिका दायर की थी।

गौरतलब है कि जेएनयू छात्र नजीब अहमद की विश्वविद्यालय के माही-मंडावी होस्टल में कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों से 14 अक्टूबर 2016 को झड़प हो गई थी, जिसके बाद अचानक वो 15 अक्टूबर 2016 से लापता हो गया।

और पढ़ें: बच्ची की डेंगू से मौत, अस्पताल ने थमाया लाखों का बिल

इससे पहले मई महीने में नजीब की मां फातिमा नफीस द्वारा पुलिस जांच में नाकामी की शिकायत के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

इस मामले में सीबीआई ने पहली एफआईआर 2 जून को दर्ज की थी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट सीबीआई को फटकार लगाते हुए कह चुकी है कि वह जांच में रूचि नहीं ले रही है।

अदालत ने तब सीबीआई की मंशा पर भी संदेह प्रकट किया, क्योंकि उसने मामले की स्टेटस रिपोर्ट जो एक मुहरबंद लिफाफे में पेश की है, उस संदर्भ में उसने अदालत के सामने 'विरोधाभासी बयान' दिया।

और पढ़ें: रायन केस: प्रद्मुम्न हत्या मामले में आरोपी बस कंडक्टर को जमानत मिली