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बुराड़ी कांड: एक ही परिवार के 11 लोगों की रहस्यमयी मौत के मामले में तांत्रिक से पूछताछ

पुलिस ने बताया कि उसे घटनास्थल बुराड़ी के संतनगर स्थित दो मंजिला मकान में पूजा स्थल के पास मिला है, जिससे मौत का रहस्यमय संबंध जाहिर होता है।

Updated on: 02 Jul 2018, 06:30 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली में एक परिवार के 11 सदस्यों की रविवार को हुई रहस्यम मौत के मामले में पुलिस ने सोमवार को एक तांत्रिक और उसके सहयोगी को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की।

पुलिस ने बताया कि उसे घटनास्थल बुराड़ी के संतनगर स्थित दो मंजिला मकान में पूजा स्थल के पास हाथ से लिखा नोट मिला है, जिससे मौत का रहस्यमय संबंध जाहिर होता है।

एक को छोड़कर बाकी सभी मृतक छत से लटके पाए गए थे। अधिकांश मृतकों की आखों पर पट्टी बंधी थी और हाथ पीछे बंधे हुए थे। सबसे उम्रदराज नरायण देवी (77) का शव फर्श पर पड़ा था, जिसके गले पर निशान पाए गए हैं।

पूजा स्थल के पास एक डायरी में मिले नोट से रहस्यवाद का संकेत मिलता है। इसमें अध्यामिकता, मोक्ष, रीति-रिवाज और पिछले महीने की कुछ तिथियों का जिक्र है।

पूजा में इस्तेमाल घी और चावल जैसी सामग्री भी घर से बरामद हुई। पुलिस को संदेह है कि मौत के पीछे तांत्रिक या साधु की भूमिका हो सकती है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमें संदेह है कि परिवार के सदस्यों की मौत किसी अनुष्ठान के चलते हुई होगी।'

अधिकारी ने बताया कि नोट में कुछ निर्देशों का जिक्र है, जिसमें कहा गया है, 'प्रत्येक व्यक्ति को सही तरीके से आंखों पर पट्टी बांध लेनी चाहिए, आंखों में सिर्फ परम स्थान दिखाई दे।'

पत्र में लिखा है, 'श्रद्धा के साथ सात दिनों तक लगातार बरगद के वृक्ष की पूजा करें। अगर कोई घर आए तो यह कार्य अगले दिन करें। इसके लिए गुरुवार या रविवार का दिन चुनें।'

आगे लिखा है, 'अगर बुजुर्ग महिला (नारायण देवी) खड़ी नहीं हो सकती हैं तो वह दूसरे कमरे में लेट सकती हैं। अनुष्ठान के लिए मद्धिम प्रकाश का उपयोग करें। रात 12 बजे से एक बजे के बीच अनुष्ठान करें, ताकि कोई तुम्हें बाधा न पहुंचाए। जब तुम सब उस दौरान फांसी पर लटक जाओगे तो भगवान अचानक प्रकट होंगे और उसी क्षण तुम्हें बचा लेंगे।'

पुलिस अधिकारी ने बताया कि परिवार ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए तकरीबन हर निर्देश का पालन किया। उसमें यह भी बताया गया था कि परिवार का कोई सदस्य मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करेगा।

पुलिस को कुछ ही घंटों में घर से उनके मोबाइल फोन भी बरामद हुए। पड़ोसी विवेक कुमार ने बताया कि परिवार में पिछले कुछ सप्ताह से रोज सुबह-शाम दो घंटे अनुष्ठान चलता था।

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मृतकों में नारायण देवी के दो बेटे भवनेश भाटिया (50) और ललित भाटिया (45) और दो बेटियां प्रतिभा (57) और पिछले महीने सगाई हुई प्रियंका (33) के अलावा भवनेश की पत्नी सविता (48) और उनकी तीन संतानें नीतू (25), मोनू (23), ध्रुव (15) और ललित की पत्नी टीना और उनका बेटा शिवम (15) शामिल हैं।

भाटिया परिवार के लोग पड़ोस में ही किराने की एक दुकान और प्लाइवुड की दुकान चलाते थे। नारायण देवी का सबसे बड़ा बेटा दिनेश भाटिया राजस्थान के कोटा में रहता है और एक बेटी सुजाता हरियाणा के पानीपत में रहती है।

पाइप का एंगल अंधविश्वास की तरफ कर रहा इशारा

भाटिया परिवार के घर में लगे 11 'पाइपों' का एंगल भी लोगों के मन में कई सारे सवाल खड़े कर रहा है। गौरतलब है कि भाटिया परिवार के घर के बाहरी दीवार पर एक छोटे दायरे में 11 पाइप आसपास लगे पाए गए हैं। इन पाइपों में से 7 पाइप सीधे और 4 मुड़े हैं।

वहीं मरने वालों में 7 महिलाएं और 4 पुरुष हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन पाइपों का अंधविश्वास से भी कोई संबंध हो सकता है।

डायरी में मौत के राज़

मृतकों के घर से जो डायरी मिली है उसके एक पन्ने पर लिखा है, 'पट्टियां अच्छे से बांधनी है। शून्य के अलावा कुछ नहीं दिखना चाहिए। सात दिन बाद पूजा लगातार करनी है। थोड़ी लगन और श्रद्धा से। कोई घर में आ जाए तो अगले दिन। गुरुवार या रविवार को चुनिए।'

इस तरह की बाते भी इशारा करती है कि परिवार किसी तंत्र-मंत्र के चक्कर में था।

एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत की गुत्थी

बुराड़ी के संतनगर में रविवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक घर में पड़ोसी ने एक साथ कई शवों को लटका देखा। संदिग्ध परिस्थितियों में एक ही परिवार के 11 सदस्यों को मरा पाया।

इनमें से कुछ की आंखों पर पट्टियां बंधी थीं और वे फंदे पर लटके हुए थे। घटना की जानकारी पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को दी। पुलिस जब घर के अंदर गई तो दो मंजिला घर के आंगन में चार पुरुषों और सात महिलाओं के शवों को देखा। मृतकों में तीन किशोर भी शामिल थे।

संयुक्त पुलिस आयुक्त राजेश खुराना ने कहा, 'मरने वालों में से कुछ बरामदे में लगे रोशनदान की छड़ों में लगे फंदे से लटके पाए गए, जबकि अन्य फर्श पर पड़े पाए गए। इनकी आंखों पर पट्टियां बंधी थी और हाथ-पैर भी बंधे हुए थे।'

दुकान नहीं खुली तो पड़ोसी पहुंच गए घर, तब हुआ खुलासा

मरने वालों में दो भाई भूपिंदर (किराने की दुकान का मालिक) और प्लाइवुड स्टोर चलाने वाले ललित सिंह शामिल हैं।

खुराना ने कहा, 'दुकान रोजाना सुबह छह बजे खुल जाती थी लेकिन जब आज सुबह 7.30 बजे तक दुकान नहीं खुली तो एक पड़ोसी दूध खरीदने के लिए गया। पड़ोसी ने घर का दरवाजा खुला पाया, जिसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी।'

लोगों ने सामूहिक आत्महत्या मानने से किया इनकार

एक पड़ोसी ने इसे सामूहिक आत्महत्या का ममाला मानने से इनकार करते हुए कहा कि ललित और भूपिंदर बहुत दोस्ताना व्यक्ति थे। उन्होंने कहा, 'मैंने कल रात भूपिंदर से बात की थी। वह बहुत खुश थे और कहीं से तनाव में नहीं लग रहे थे।'

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी घटनास्थल का दौरा किया। केजरीवाल ने मीडिया से कहा, 'यह एक दुखद घटना है। मैंने पुलिस से बात की है। उनकी जांच खत्म होने तक इंतजार करें।'

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