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घाटी के मुसलमानों ने सिखों के सद्भाव का दिया सकारात्मक जवाब

कश्मीर में आत्मघाती आतंकी हमले के बाद जम्मू और भारत के अलग-अलग हिस्सों में सिखों द्वारा कश्मीरी छात्रों व अन्य कश्मीरी लोगों को दिक्कत के समय समर्थन की पेशकश के बदले में कश्मीरी मुसलमानों ने कश्मीर घाटी में सिख समुदाय के प्रति मित्रभाव दिखाया है

Updated on: 21 Feb 2019, 09:58 PM

नई दिल्ली:

कश्मीर में आत्मघाती आतंकी हमले के बाद जम्मू और भारत के अलग-अलग हिस्सों में सिखों द्वारा कश्मीरी छात्रों व अन्य कश्मीरी लोगों को दिक्कत के समय समर्थन की पेशकश के बदले में कश्मीरी मुसलमानों ने कश्मीर घाटी में सिख समुदाय के प्रति मित्रभाव दिखाया है. गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक कश्मीरी मुस्लिम ने कहा, "त्राल के एक सिख भाई ने मुझसे 48,000 रुपये लिए थे. उनकी कमजोर आर्थिक क्षमता को देखते हुए मैंने कर्ज माफ कर दिया है." घाटी में कई कोचिंग सेंटरों ने सिख छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग की घोषणा की है. कई चिकित्सकों ने, विशेष रूप से दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में सिख रोगियों के लिए मुफ्त कंसल्टेशन की घोषणा की है. कुछ अस्पतालों ने सिख समुदाय के रोगियों को मुफ्त एडमिट करने की घोषणा की है.

कुछ दुकानदारों ने सिख खरीदारों के लिए विशेष छूट की घोषणा की है. कुछ स्थानों पर वाहनों की मरम्मत करने वाली वर्कशॉप ने सिख वाहन मालिकों को मुफ्त सेवा प्रदान करने की बात कही है.

श्रीनगर शहर के एक दुकानदार नजीर अहमद ने कहा, "सिख समुदाय के प्रति हमारी इस सद्भावना का कारण घाटी के बाहर पढ़ रहे हमारे बच्चों को सिख समुदाय के सदस्यों द्वारा दिए गए भारी समर्थन के जवाब में है."

जम्मू शहर के नानक नगर इलाके में सिख समुदाय के सदस्यों ने 15 फरवरी को उस वक्त अपने धार्मिक स्थलों के दरवाजे खोल दिए थे जब उपद्रवियों ने कश्मीरियों को धमकाया था और उनके कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था.

15 फरवरी को जब अधिकारियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा, उस वक्त जम्मू शहर में फंसे एक मुसलमान ने कहा, "हमें अपने वाहनों को नानक नगर इलाके के गुरुद्वारों के परिसरों और सिखों के घरों के परिसरों में खड़ा करने की सुविधा दी गई."

यहां रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीरी छात्रों व जम्मू एवं कश्मीर के बाहर व्यापार करने वाले अन्य कश्मीरी लोगों के लिए पंजाब और कुछ अन्य स्थानों पर सिखों द्वारा 'लंगर' भी लगाए गए.

मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि सिख बड़ी संख्या में उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और अन्य राज्यों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों के समर्थन में आगे आए हैं.