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मुजफ्फरपुर कांड: नगर निगम गिराएगी शेल्टर होम की इमारत, सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से किया इंकार

मुजफ्फरपुर के चार मंजिला आश्रय गृह को गिराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. शेल्टर होम में लड़कियों के साथ दरिंदगी का मामला पूरे देश के सामने आया था.

Updated on: 13 Dec 2018, 06:51 AM

नई दिल्ली:

मुजफ्फरपुर के चार मंजिला आश्रय गृह को गिराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. नगर निगम के कमिश्नर संजय दुबे ने कहा, 'मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की इमारत को गिरा दिया जाएगा.' बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में लड़कियों के साथ दरिंदगी का मामला पूरे देश के सामने आया था. आश्रय गृह में 40 नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण किया गया था. संजय दुबे ने कहा, 'इमारत को गिराने के लिए पांच सदस्य कमिटी का गठन किया गया गया है. गुरूवार को इसे ढहाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इमारत के आसपास घनी आबादी होने के कारण कोई जगह नहीं है. इमारत को मशीनों के बजाए मज़दूरों द्वारा ध्वस्त किया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा, 'इमारत को जेसीबी या अन्य किसी मशीन के सहारे ढाया नहीं जाएगा. इसमें वक़्त लगेगा. इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.' अनुमंडल पदाधिकारी (पूर्वी) कुंदन कुमार ने भवन को ध्वस्त करने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए दो दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति भी कर दी है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ने सोमवार को मुजफ्फरपुर के चार मंजिला आश्रय गृह को गिराने में दखल देने से इनकार कर दिया. इस शेल्टर होम के ऊपर की कुछ मंजिलों में खिड़कियों के अलावा अन्य मंजिलों पर खिड़कियां नहीं थीं.

पिछले हफ्ते सीबीआई की टीम मुजफ्फरपुर शेल्टर होम सबूत इकठ्ठा करने पहुंची थी. सीबीआई ने अदलात में चार्जशीट भी दायर की. पिछले महीने पुलिस ने बिहार की पूर्व कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के बेगूसराय स्थित घर के बाहर संपत्ति जब्त करने का नोटिस लगा दिया था. आर्म्स एक्ट मामले में फरार आरोपी मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा कोर्ट में पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके हैं. इससे पहले बिहार पुलिस ने मंजू वर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की थी.मुजफ्फरपुर कांड में जांच के दौरान सीबीआई ने मंजू वर्मा के पति के गांव श्रीपुर में 17 अगस्त को छापेमारी की थी. 

शीर्ष अदालत ने 30 अक्टूबर को ब्रजेश ठाकुर को भागलपुर जेल से पंजाब की पटियाला जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था. एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, ब्रजेश छोटा दैनिक अखबार 'प्रात:कमल' भी निकालता था. इस अखबार के लिए उसे नीतीश सरकार के करोड़ों के विज्ञापन मिला करते थे, जो उसकी आय का अतिरिक्त स्रोत था. इसी अखबार की ओट में वह सफेदपोश बना हुआ था. इस कांड से जुड़े एक मामले में नीतीश सरकार की मंत्री रहीं मंजू वर्मा जेल में हैं.

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क्या है मामला?

बता दें कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस की एक रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ था. इंस्टिट्यूट ने सूबे की सरकार को सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में बच्चियों के साथ मुजफरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटना सामने आई थी. बच्चियों की चिकित्सकीय जांच के बाद 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.