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जाकिर नाईक को कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी, नहीं तो जारी होगा वारंट

मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने फरार इस्लामिक धर्म गुरु डॉ. जाकिर नाईक (Zakir Naik) को 31 जुलाई को हाजिर होने का आदेश दिया है.

Updated on: 19 Jun 2019, 01:08 PM

नई दिल्ली:

मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने फरार इस्लामिक धर्म गुरु डॉ. जाकिर नाईक (Zakir Naik) को 31 जुलाई को हाजिर होने का आदेश दिया है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering case) की सुनवाई कर रही पीएमएलए कोर्ट ने ईडी की अर्जी पर ये आदेश दिया है. ईडी (ED) ने डॉ. जाकिर नाईक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है.

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गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने विवादित इस्लामिक धर्म उपदेशक जाकिर नाईक (Zakir Naik) और अन्‍य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. ईडी (ED) ने अपराध के मार्फत इकट्ठा हुए आय के रूप में 193.06 रुपये की पहचान की है. इससे पहले ईडी ने 22 दिसंबर 2016 को जाकिर नाईक और अन्‍य के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्‍ट (Money Laundering Act) के तहत मुकदमा दर्ज किया था. ईडी ने 50.24 करोड़ की उसकी संपत्‍ति अटैच भी की है.

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इसी मामले में मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू (NBW) का आदेश जारी करने के पहले डॉ. जाकिर नाईक को एक मौका देने के लिए अदालत में हाजिर रहने का आदेश दिया है. बता दें कि डॉ. जाकिर नाईक वर्तमान में मलेशिया में हैं.

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वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार ने एक बार फिर मलेशिया सरकार से औपचारिक तौर पर अनुरोध किया था. विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत इस मामले को मलेशिया के सामने आगे भी उठाता रहेगा. बता दें कि हाल ही में मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा था कि न्याय ना मिलने की स्थिति में जाकिर नाईक का प्रर्त्यपण नहीं किया जाएगा.