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मुंबई स्टेशन भगदड़: शिवसेना ने 19 महीने पहले किया था अगाह, नहीं जागा रेलवे?

अरविंद सावंत ने करीब 19 महीने पहले लिखे गये पत्र में एल्फिंस्टन स्टेशन पर बने पुल के जर्जर हालात का जिक्र किया गया था और नए पुल की मांग की गई थी।

Updated on: 29 Sep 2017, 10:16 PM

नई दिल्ली:

मुंबई के एल्फिंस्टन स्टेशन पर हुए भीषण भगदड़ के बाद यह सवाल उठने लगा है कि घटना के लिए कौन जिम्मेदार है? जवाब में राजनीतिक दल और आम लोग पूरी घटना के लिए रेलवे की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

दरअसल, पूर्व रेलमंत्री सुरेश प्रभु द्वारा शिवसेना के एक सांसद अरविंद सावंत को लिखा गया एक जवाबी पत्र वायरल हो रहा है। जिसमें प्रभु ने वैश्विक मंदी का हवाला दिया था और कहा था कि रेलवे कठिनाई में है।

हालांकि उन्होंने दावा किया था कि मंदी के बावजूद शिवसेना सांसद की मांग पर सकारात्मक तौर पर विचार किया जा रहा है।

अरविंद सावंत ने करीब 19 महीने पहले लिखे गये पत्र में एल्फिंस्टन स्टेशन पर बने पुल के जर्जर हालात का जिक्र किया गया था और नए पुल की मांग की गई थी।

शुक्रवार को परेल-एल्फिंस्टन स्टेशनों को जोड़ने वाली उसी पुल पर भगदड़ मची थी जिस पुल के बारे में रेलवे को अवगत कराया गया था।

ऐसे में विपक्षी दल पूरी तरह से रेलवे को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा, 'एमपी अरविंद सावंत ने 19 महीने पहले रेल मंत्री को पुल निर्माण के लिए पत्र लिखा, रेल लोगों के मरने का इंतज़ार करता रहा।'

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, 'एल्फिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन के फुट ओवरब्रिज पर मची भगदड़ बीजेपी सरकार द्वारा लोगों का जनसंहार है।'

ओवरब्रिज को मिली मंजूरी

रेलवे ने फुट ओवरब्रिज को लेकर कहा कि एल्फिंस्टन स्टेशन पर एक अतिरिक्त ओवरब्रिज की मंजूरी पहले ही दे दी गई है। इसके लिए रेलवे ने 9.5 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें भी लापरवाही बरती गई है। खबर है कि इसके टेंडर अभी तक नहीं हुए हैं और न ही इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ।

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मुंबई उपनगरीय नेटवर्क के अब तक के सबसे भयावह हादसे में एल्फिंस्टन रोड व परेल रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाले सकरे फुट ओवरब्रिज पर मची भगदड़ में 22 यात्रियों की मौत हो गई व 32 घायल हो गए।

इस दुर्घटना को लेकर सोशल मीडिया पर आम लोगों में भारी आक्रोश भड़क गया है। लोगों ने यात्रियों की सुरक्षा व रक्षा को प्राथमिकता दिए बगैर सरकार की नई बुलेट ट्रेन परियोजना की घोषणा को लेकर काफी आलोचना की है।