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मुंबई: बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध, MNS ने रोका जमीन के सर्वे का काम

रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) कार्यकर्ताओं ने बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे पर पहुंचे अधिकारियों को जबरन रोक दिया।

Updated on: 07 May 2018, 06:10 PM

highlights

  • जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे पर पहुंचे अधिकारियों को जबरन रोका गया
  • बुलेट ट्रेन परियोजना में करीब 40 किलोमीटर का रूट ठाणे से गुजरने वाला है
  • राज ठाकरे रैलियों में किसानों से जमीन नहीं देने की अपील भी कर चुके हैं

मुंबई:

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना यानि देश की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के निर्माण पर संकट के बादल हटते नहीं दिख रहे हैं।

रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) कार्यकर्ताओं ने बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे पर पहुंचे अधिकारियों को जबरन रोक दिया।

ठाणे जिले के शीलफाटा इलाके में राज्य के लोक निर्माण विभाग द्वारा रविवार सुबह जमीन मापी की प्रक्रिया की जा रही थी।

अधिकारियों ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद एमएनएस कार्यकर्ताओं ने कई बार काम के दौरान व्यवधान डाला और दोपहर में जमीन मापी को रोकना पड़ा।

एमएनएस के ठाणे जिला प्रमुख अविनाष जाधव ने कहा, 'हम लगातार जमीन मापी का विरोध करते रहेंगे। हम रोजगार चाहते हैं न कि बुलेट ट्रेन। इस कार्य को रोकने के लिए विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ अधिकारियों को जबरन भी रोका जाएगा।'

बता दें कि इस परियोजना में करीब 40 किलोमीटर का रूट ठाणे से गुजरने वाला है जिसके लिए किसानों से जमीन लिए जाने की तैयारी है।

एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे भी अरबों डॉलर के बुलेट ट्रेन परियोजना का लगातार विरोध करते आए हैं और रैलियों में किसानों से जमीन नहीं देने की अपील भी कर चुके हैं।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर की बुलेट ट्रेन परियोजना लागू कर रही हैं जिसमें करीब 1,08,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस खर्च का 81 फीसदी जापान सरकार कर्ज के रूप में मदद कर रही है।

इस परियोजना को 2022-23 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।

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