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प्रयागराज: VHP की धर्म संसद में पहुंचे मोहन भागवत, सबरीमाला पर बताया श्रीलंकाई कनेक्शन

प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा का आयोजन किया.

Updated on: 31 Jan 2019, 06:04 PM

नई दिल्ली:

प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा का आयोजन किया. इस धर्म सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत भी हिस्सा लेने पहुंचे. वहीं मोहन भागवत ने धर्म सभा में सबरीमाला के मुद्दे का जिक्र किया. पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को इजाजत दी थी. सबरीमाला फैसले पर भागवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने देश के करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं का ख्याल नहीं रखा.  इस दौरान आरएसएस प्रमुख ने केरल सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने सरकार पर पीछे के दरवाज़े से महिलाओं की एंट्री पर आलोचना की. उन्होंने कहा, 'सबरीमाला की अपनी परंपरा रहती है, लेकिन देश भर में करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान इससे आहत होगा, यह विचार कोर्ट ने किया नहीं.'

भागवत ने आगे कहा, 'कोर्ट ने कहा महिला अगर प्रवेश चाहती है तो करने देना चाहिए, अगर किसी को रोका जाता है तो उसको सुरक्षा देकर जहां से सब दर्शन करते हैं वहां से ले जाना चाहिए. लेकिन कोई जाना नहीं चाह रहा है इसलिए श्रीलंका लाकर, पीछे के दरवाज़े से घुसाया जा रहा है.'

बता दें कि सबरीमाला में श्रीलंकाई महिला के दर्शन को लेकर खबर सामने आई थी. चार जनवरी को श्रीलंका की एक 47 वर्षीय महिला ने मंदिर में दर्शन की बात को ख़ारिज कर दिया था. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उसे 'दर्शन' करने नहीं दिया. महिला के बारे में कहा जा रहा था कि उन्होंने सबरीमाला मंदिर में पूजा की थी.

सुप्रीम कोर्ट का सबरीमाला पर फैसला

पिछले साल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी थी. इस फैसले के बाद कई महिलाओं ने प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन भारी विरोध-प्रदर्शन के कारण उन्हें वापिस लौटना पड़ा था. इससे पहले उन्होंने 24 दिसंबर को भी मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी लेकिन विरोध के कारण उन्हें लौटना पड़ा था. मंदिर 30 दिसंबर को मकरविल्लकु उत्सव के लिए खोला गया था. 9 दिसंबर को केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध कर रहे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया था. पुरानी प्रथा को कायम रखने को लेकर हिंदूवादी संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. 

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प्रयागराज कुंभ मेले में आयोजित परमधर्मसंसद ने बुधवार को ऐलान किया कि राम मंदिर के शिलान्यास के लिए 21 फरवरी को शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के नेतृत्व में देश के साधु-संत अयोध्या कूच करेंगे. धर्म संसद ने देश के हरेक हिन्दुओं से मंदिर निर्माण के लिए 21 फरवरी को 4 शिला लेकर अयोध्या पहुंचने का ऐलान किया है. स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंनद ने कहा, 'आज गली-गली में धर्म संसद हो रही है, गृहस्थ लोग धर्म संसद नहीं बुला सकते हैं. धर्म संसद सिर्फ धर्माचार्य शंकराचार्य ही बुला सकते हैं.' बता दें कि अयोध्या विवाद (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.