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केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी का रोना रोने वाले सीरिया घूम आएं

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी का रोना रोने वालों को सीरिया और सऊदी अरब की यात्रा पर जाना चाहिए।

Updated on: 10 Mar 2017, 08:52 PM

highlights

  • राठौड़ ने कहा, जो अभिव्यक्ति की आजादी को दबाए जाने का रोना रोते हैं, उन्हें सीरिया की यात्रा पर जाना चाहिए
  • केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, देश को बांटने की बात करना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है
  • उन्होंने कहा, वे कॉलेजों, संस्थानों में इसकी बातें करते हैं और परिचर्चा आयोजित करते हैं

नई दिल्ली:

जेएनयू और दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुए विवाद के बाद अभिव्यक्ति की आजादी पर देश भर में चर्चा हो रही है। इस बीच केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी का रोना रोने वालों को सीरिया और सऊदी अरब की यात्रा पर जाना चाहिए।

राठौड़ ने कहा है कि देश को तोड़ने की बात करना अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में नहीं आता। उन्होंने कहा, 'जो लोग (देश में) अभिव्यक्ति की आजादी को दबाए जाने का रोना रोते हैं, उनके लिए मेरी सलाह है कि उन्हें सीरिया, सऊदी अरब या अमेरिका समेत किसी भी देश की यात्रा पर जाना चाहिए। (इन देशों की) यात्रा के बाद उन्हें फर्क का अहसास होगा।'

पूर्व सैनिक और राजस्थान से बीजेपी सांसद राठौड़ ने कहा कि संविधान अभिव्यक्ति की आजादी देता है लेकिन कुछ सीमाएं भी लगाता है। राठौड़ ने कहा, 'देश को बांटने की बात करना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। वे कॉलेजों, संस्थानों में इसकी बातें करते हैं और परिचर्चा आयोजित करते हैं।'

वह बीते महीने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कालेज में छात्रों के बीच हुई झड़प की तरफ इशारा कर रहे थे। कॉलेज में एक आयोजन में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र उमर खालिद को वक्ता के रूप में निमंत्रित किया गया था। खालिद पर कुछ अन्य छात्रों के साथ देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है।

मंत्री ने कहा कि इस तरह के नारे लगाने का विरोध करने वालों को भी ऐसा करने की आजादी है।

राठौड़ ने कहा, 'आप देश तोड़ने की बात कर रहे हैं, तो फिर संवैधानिक प्रतिबंध आपके लिए हैं। आप कानून तोड़ रहे हैं। इन प्रतिबंधों के बावजूद सरकार ने कुछ नहीं कहा। लेकिन, जो लोग वहां मौजूद थे, उन्हें इसे रोकने का हक था।'

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उन्होंने कहा कि भारत अभिव्यक्ति की आजादी के मामले में अन्य देशों से बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सहिष्णुता-असहिष्णुता की बहस का मकसद केंद्र सरकार को उसके विकास के रास्ते से हटाने की कोशिश करना है।

राठौड़ ने कहा, 'वामपंथी और नक्सलवाद एवं साम्यवाद फैलाने वाले उनके समर्थक उग्रवादियों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। वे सभी को गाली बकते हैं और खुद को पीड़ित बताते हैं..महज ध्यान आकर्षित करने के लिए।'

पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के संबंध में उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म और जाति से ऊपर उठ गई है और देश में अब कोई भी राज्य नहीं होगा जहां भाजपा सत्ता में न हो।

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राठौड़ ने उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण के चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुआंधार प्रचार की तुलना क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी द्वारा आखिरी ओवरों में की जाने वाली ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से की।

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उन्होंने 'अच्छे दिन' को एक सतत प्रक्रिया बताया। राठौड़ ने कहा कि इसकी शुरुआत उसी दिन हो गई जब भाजपा ने सत्ता संभाली और यह साल-दर-साल और बेहतर होता जाएगा।