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'दलित विरोधी' बयान पर घिरे मोदी के मंत्री हेगड़े, अठावले ने कहा- हो कार्रवाई

'संविधान बदलने' की बात कर चुके मोदी सरकार के मंत्री अनंत कुमार के अब दलितों पर दिये गये कथित बयान को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

Updated on: 23 Jan 2018, 05:19 AM

नई दिल्ली:

'संविधान बदलने' की बात कर चुके मोदी सरकार के मंत्री अनंत कुमार के अब दलितों पर दिये गये कथित बयान को लेकर विवाद शुरू हो गया है। दलित नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि हेगड़े का बयान स्वीकार्य नहीं है, सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करे।

दरअसल, शनिवार को केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े कर्नाटक के बेल्लारी में एक रोजगार मेले में जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें विरोध का सामना पड़ा। संविधान को लेकर दिये गये बयान के खिलाफ कथित रूप से दलित समुदाय के लोगों ने उनका रास्ता रोक लिया।

इससे बौखलाए केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता राज्य मंत्री हेगड़े ने कहा, ''हम आपकी मदद करने के लिए दृढ़संकल्पित हैं, हम आपके साथ रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए, हम लोग अपने लोगों की रक्षा के लिए कुछ भी करेंगे, हमलोग विरोध प्रदर्शन करने वाले 'कुछ गली के कुत्तों' में फंसने वाले नहीं हैं।''

केंद्रीय समाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने इसे दलितों के खिलाफ बयान मानते हुए कहा, 'हेगड़े ने दलितों के खिलाफ गलत शब्द का इस्तेमाल किया। यह स्वीकार्य नहीं है।'

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रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष अठावले कहा, 'हेगड़े क्या कहते हैं इसपर नियंत्रण नहीं है। उन्होंने पहले कहा कि वह भारत का संविधान बदलनेंगे। उसके बाद उन्होंने अपने आलोचकों की तुलना भौंकने वाले कुत्ते से की है।'

उन्होंने हेगड़े के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि वह लगातार मोदी सरकार की योजनता के खिलाफ बयान दे रहे हैं।

हेगड़े ने हालांकि विवाद बढ़ने के बाद सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने दलितों के खिलाफ कुछ नहीं कहा, कांग्रेस उनकी छवि को खराब करने में जुटी है।

आपको बता दें कि केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री हेगड़े के संविधान बदलने वाले बयान पर भी काफी बवाल हुआ था। जिसके बाद उन्हें संसद में माफी मांगनी पड़ी थी और सरकार ने उनके बयान से पल्ला झाड़ लिया था।

उन्होंने कर्नाटक के कुकनूर में एक जनसभा में कहा था, ''बीजेपी 'संविधान बदलने के लिए' सत्ता में आई है। इसे बहुत पहले बदल दिया जाना चाहिए था और अब हम इसे बदलने जा रहे हैं। हम 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द को संविधान से हटाने जा रहे हैं।''

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