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3 साल मोदी सरकार: भारतीय कंपनियां भी बना सकेंगी सेना के लिए फाइटर प्लेन, कैबिनेट ने दी मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को डिफेंस से संबंधित कई अहम फैसलों पर मंजूरी दी है। कैबिनेट ने नई गवर्नमेंट प्रोक्योरमेंट पॉलिसी को हरी झंडी दिखाई है। सरकार ने फॉरेन इनवेस्टमेंट को खत्म किया है।

Updated on: 25 May 2017, 03:03 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को डिफेंस से संबंधित कई अहम फैसलों पर मंजूरी दी है। कैबिनेट ने नई गवर्नमेंट प्रोक्योरमेंट पॉलिसी को हरी झंडी दिखाई है। सरकार ने फॉरेन इनवेस्टमेंट को खत्म किया है। बताया जा रहा है कि यह फैसला विदेशी निवेश के लिहाज से ऐतिहासिक है।

कैबिनेट के इस फैसले से विदेशी निवेश में आ रही दिक्कतों को पूरी तरह से निवारण हो जाएगा। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुए इन फैसलों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कैबिनेट ने डिफेंस इक्विपमेंट के मामले में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के प्रस्ताव पर विचार किया है।

इस फैसले के बाद 6 भारतीय कंपनियों को स्पेशल स्टेटस मिलेगा। अब ये कंपनियां सबमरीन, सिंगल इंजन फाइटर प्लेन और हेलिकॉप्टर्स और आर्मर्ड व्हीकल्स बनाएंगी।

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कंपनियों को बाद में बड़े ऑर्डर्स के लिए बोली लगाने का मौका भी दिया जाएगा। यह बोली 20 अरब डॉलर से भी ज्यादा हो सकती है।

सरकार ने एक और पॉलिसी को मंजूरी दी है जिसके तहत 5 लाख रुपये से अधिक के सभी ऑर्डर्स में डोमेस्टिक सप्लायर्स को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत 39,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजनेस संभावनाएं बनेंगी। ये सभी जानकारी पीआईबी की तरफ से जारी की गई हैं।

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गौरतलब है कि रक्षा के क्षेत्र में हाल ही में देश में अमेरिका से एम777 हॉवित्जर तोपें भारत आई हैं। वहीं 2018 तक यह खेप और भी ज्यादा होगी। इनके मिलने के बाद भारतीय सेना की ताकत में पहले की तुलना में कई गुना ज्यादा इजाफा होगा। कुल 145 तोपें भारतीय सेना को सौंपी जानी है।