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क्या मोदी सरकार की चीन नीति फेल हो गई है, जानें क्या कहते हैं 5000 से ज्यादा लोग

इस बार भी चीन ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

Updated on: 15 Mar 2019, 12:20 PM

नई दिल्‍ली:

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNITED NATION SECURITY COUNCIL) में चीन द्वारा मसूद अजहर (MASOOD AZHAR) को ग्लोबल आतंकी घोषित (GLOBAL TERRORIST) करने पर वीटो लगाने के बाद NewsState.com ने लोगों से पूछा था कि चीन पर क्या मोदी सरकार की नीति फेल हो गई है? इस पर करीब 5000 लोगों ने अपनी राय जाहिर की.

एक यूजर Kartik Shukla कहते हैं कि चीन पर अगर मोदी सरकार की नीति फेल हो गई होती तो डोकलाम में चीन पीछे नही हटता. एयर फोर्स के द्वारा की गई एयर स्ट्राइक में चीन जरूर विरोध दर्ज करवाता और पाकिस्तान का साथ खुलकर देता पर चीन ने ऐसा नहीं किया है. चीन भारत के साथ ही खड़ा रहा है पर अजहर मसूद को बैन में जरूर भारत का साथ नहीं दे रहा है ये मोदीजी के लिए सोचने का विषय है.

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वहीं Raju saoji कहते हैं कि मोदी सरकार के बस की बात नहीं है , चीन है कि मानता ही नहीं. इसके अलावा किसी ने इसके लिए नेहरू को जिम्‍मेदार ठहराया तो किसी ने इंदिरा को लेकिन 67 फीसद लोगों का कहना है कि चीन पर क्या मोदी सरकार की नीति फेल हो गई है.

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बता दें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (jem) प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) को वैश्विक आतंकी (Global Terrorist) घोषित करने और उस पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत पूरा प्रयास कर रहा है. लेकिन इस बार भी चीन ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. चीन ने यूएन में इस प्रस्ताव के विरोध में अपने वीटो पावर का इस्तेमाल ऐसे वक्त में किया जब कि इस प्रस्ताव के पक्ष में यूके, यूएस, फ्रांस और जर्मनी पहले से ही थे. बता दें कि मसूद अजहर पुलवामा हमले का मास्टर माइंड है और फिलहाल पाकिस्तान में है. सुरक्षा परिषद में चौथी बार चीन ने वीटो का इस्तेमाल किया है.

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विदेश मंत्रालय ने चीन की इस हरकत पर निराशा जताई है. विदेश मंत्रालय ने कहा, चीन की इस कार्रवाई से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा जैश-ए-मोहम्मद (jem) के नेता को वैश्विक आतंकी घोषित करने से रोक दिया है, जो एक पेशेवर और सक्रिय आतंकवादी संगठन है जिसने 14 फरवरी 2019 को जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी भी ली है. इससे पहले भी भारत में 2001 के संसद हमले से लेकर पठानकोट एयरबेस हमला, जम्मू और उरी में आर्मी कैंप पर हमले और पिछले महीने पुलवामा में हुए भीषण आत्मघाती हमले में शामिल रहने वाले आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए अमेरिका भी पुरजोर कोशिश करता रहा है.

क्या कहा था अमेरिका ने

अमेरिका ने भी इससे पहले कहा था कि जैश प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी नहीं घोषित करना क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति के खिलाफ होगा. संयुक्त राष्ट्र के अहम फैसले से एक दिन पहले ट्रंप प्रशासन ने कहा कि अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए काफी सबूत हैं.

क्या कहा था चीन ने

चीन ने पिछले साल अक्टूबर में भी कहा था कि वह भारत को कई बार बता चुका है कि पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में उसे दिक्कतें हैं और वह इस मामले में अपने आप संज्ञान लेगा.

मसूद अजहर के खिलाफ यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भीषण आत्मघाती हमले में 40 भारतीय जवानों के शहादत के एक महीने बाद हो रही है. इस क्रूर हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. चीन ने भी इस हमले की निंदा की थी और आतंक के खिलाफ लड़ाई में प्रतिबद्धता की बात कही थी.बता दें कि मसूद अजहर पुलवामा हमले का मास्टर माइंड है जो फिलहाल पाकिस्तान में है. सुरक्षा परिषद में चौथी बार चीन ने वीटो का इस्तेमाल किया है. गौरतलब है कि मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर रोक लगाने के लिए चीन के पास आज रात 12.30 बजे तक का समय था.