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मोदी सरकार ने पेंशन तय करने के तरीकों में किया बदलाव, 55 लाख पेंशनर्श को हागा फायदा

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए बैठक में कैबिनेट ने इस पर अपनी मुहर लगा दी। सरकार के इस फैसले का फायदा सिविल और रक्षा दोनों तरह के करीब 55 लाख पेंशनर्स को होगा

Updated on: 04 May 2017, 12:03 AM

नई दिल्ली:

देश के 55 लाख पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब केंद सरकार ने पेंशन तय करने के तरीकों में बड़ा बदलाव कर दिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए बैठक में कैबिनेट ने इस पर अपनी मुहर लगा दी। सरकार के इस फैसले का फायदा सिविल और रक्षा दोनों तरह के करीब 55 लाख पेंशनर्स को होगा। हालांकि इससे सरकार के खजाने पर करीब 5031 करोड़ का बोझ पड़ेगा।

पेंशन को लेकर कैबिनेट ने जिन बदलावों को मंजूरी दी है वे एक जनवरी 2016 से प्रभावी होंगे क्योंकि इसी तारीख से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुई थी। कैबिनेट के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार अब पेंशन पर करीब 176071 करोड़ रुपये सालान खर्च करेगी।

पेशनरों को लेकर संबंध में कैबिनेट का यह पहला फैसला उन कर्मचारियों को लेकर है जो साल 2016 से पहले रिटायर हुए हैं। सरकार ने पेंशन सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के आधार पर इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी है।

सरकार को क्यों पड़ी इसकी जरूरत

केंद्र सरकार को पेंशन के तय फॉर्मूले में बदलाव इसलिए करना पड़ा क्योंकि सातवें वेतन आयोग ने पेंशन में बढ़ोतरी के लिए जो फॉर्मूला बताया था उससे पेंशन के गणना में दिक्कतें आ रही थी।

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इसके साथ ही कैबिनेट ने देश रक्षा से जुड़े पेंशनरों के लिए डिसेबिलिटी पेंशन तय करने के तरीके में भी बदलाव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद केंद्र सरकार पर हर साल करीब 130 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ेगा ।

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